
कामकाजी महिलाओं के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम…
कानपुर समेत 10 शहरों में बनेंगे श्रमजीवी हॉस्टल
– प्रदेश में कुल 15 श्रमजीवी हॉस्टल का निर्माण होगा
– एक हॉस्टल में 500 महिलाओं के ठहरने की व्यवस्था
– कानपुर शहर के लिए 47.75 करोड़ आवंटित किये गये
कानपुर। अपने घरों से दूर किसी दूसरे शहर में नौकरी करने वाली महिलाओं को सुरक्षित आसरा मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार ने कानपुर समेत दस शहरों में श्रमजीवी महिला छात्रावास का निर्माण कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सूबे के बजट में ऐलान पर पहल करते हुए कानपुर समेत आठ शहरों में छात्रावास निर्माण के लिए बजट आवंटन कर दिया गया है। कानपुर के हिस्से पहली खेप में 47.75 करोड़ रुपए आए हैं। तय व्यवस्था के अनुसार, कानपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए 500 बिस्तर वाला श्रमजीवी हॉस्टल बनाया जाएगा। हॉस्टल में फैक्टरी, कारपोरेट दफ्तरों और निजी क्षेत्रों में नौकरी करने वाली महिलाओं को बेहद कम खर्च पर रुकने की व्यवस्था होगी। शासन ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को हॉस्टल निर्माण यथाशीघ्र कराने का आदेश जारी किया है। डीएम ने चारों तहसीलों के एसडीएम को पत्र भेजकर जमीन तलाशने के लिए निर्देश जारी किये हैं।
राजधानी में निर्माण शुरू, कानपुर में जून के बाद
दरअसल, भारत सरकार के पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता कार्यक्रम के तहत राजधानी लखनऊ और औद्योगिक राजधानी कानपुर समेत नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, बरेली में कुल 15 श्रमजीवी महिला छात्रावास का निर्माण कराने का फैसला किया गया है। फिलवक्त लखनऊ, नोयडा और गाजियाबाद में हॉस्टल निर्माण शुरू हो चुका है, जबकि अन्य शहरों में जमीन खोजने का काम युद्धस्तर पर जारी है। महिला कल्याण विभाग के अनुसार, प्रत्येक श्रमजीवी महिला छात्रावास में 500 बिस्तर उपलब्ध होंगे। भवन में सुरक्षा के मानकों के अनुरूप सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड, अग्निशमन यंत्र, शिशु सदन (क्रेच), जनरेटर व इनवर्टर, जिम सेंटर, ऑडिटोरियम, लॉन्ड्री सुविधा, वाहन पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए वाहन, कैंटीन और डिपार्टमेंटल स्टोर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
केंद्र के साथ राज्य सरकार भी बनाएगी हॉस्टल
फिलहाल, केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त सहायता से प्रदेश में कुल 15 श्रमजीवी छात्रावास का निर्माण होगा। प्रदेश सरकार को कोशिश है कि, मौजूदा वित्तीय वर्ष में छात्रावासों का निर्माण पूर्ण करा लिया जाए। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए अपने स्तर पर भी ‘मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना’ का श्रीगणेश किया है। इस योजना के तहत वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में 500-500 की क्षमता वाले सात श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 170 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। मिशन शक्ति की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक महिला हॉस्टल में वार्डेन, सुरक्षा स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ की भी तैनाती होगी।
शहर में बनेंगे हॉस्टल, सिर्फ महिला स्टॉफ की तैनाती
जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप के मुताबिक, प्रमुख सचिव कार्यालय से जिलाधिकारी को पत्र प्राप्त हुआ है। हॉस्टल निर्माण के लिए जमीन खोजने के लिए सभी एसडीएम को एडीएम वित्त राजेश कुमार ने पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि, कानपुर में 47.75 करोड़ की लागत से हॉस्टल का निर्माण होगा। संचालन की जिम्मेदारी महिला कल्याण विभाग के पास रहेगी। जिलाधइकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूं तो सभी चारों तहसीलों के एसडीएम को जमीन खोजने के लिए कहा गया है, लेकिन कोशिश है कि, शहर सीमा के अंदर ही श्रमजीवी हॉस्टल का निर्माण कराया जाए। हॉस्टल के संचालन की जिम्मेदारी महिला कल्याण विभाग के पास रहेगी, यानी हॉस्टल में वार्डन समेत सभी पदों पर सिर्फ महिलाओं की तैनाती होगी। मुख्य द्वार पर महिला होमगार्ड के साथ पुरुष सिपाही को तैनात किया जाएगा।