श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी : केदारनाथ धाम में मिलेगी मुफ्त वाई-फाई सुविधा, ऐसे ऐसे उठाएं लाभ

रुद्रप्रयाग: अब जब आप बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंचेंगे तो श्रद्धा के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी अनुभव कर पाएंगे। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को अब मुफ्त वाई-फाई की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। शनिवार को इसका सफल ट्रायल किया गया और इसके बाद इसे श्रद्धालुओं के लिए औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है। बाबा के दर्शन को पहुंचे तीर्थयात्रियों ने इस सुविधा पर खुशी जाहिर करते हुए सरकार और प्रशासन का आभार जताया है। चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं। केदारनाथ यात्रा को देश की सबसे कठिन पैदल यात्राओं में से एक माना जाता है। ऐसी यात्रा को अधिक सहज और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन लगातार नई-नई पहलें कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब रुद्रप्रयाग जिला एक नई मिसाल बनकर सामने आया है।

रुद्रप्रयाग ने बनाया अपना खुद का मोबाइल नेटवर्क

उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला अब देश का पहला ऐसा ज़िला बन गया है, जिसने आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए अपना खुद का मोबाइल नेटवर्क विकसित कर लिया है। इस नेटवर्क को ‘डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क’ (DDRN) नाम दिया गया है। यह नेटवर्क किसी भी आपदा या विकट परिस्थिति में भी लगातार कार्य करता रहेगा। इसमें मोबाइल डेटा, वॉयस कॉलिंग और हाई-क्वालिटी सीसीटीवी विजुअल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी नेटवर्क के अंतर्गत श्रद्धालुओं को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा भी दी जा रही है। 

कैसे ले फ्री वाई-फाई का लाभ

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने जानकारी दी कि इस वाई-फाई का लाभ लेने के लिए श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल की वाई-फाई सेटिंग में जाकर अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत करना होगा। इसके बाद एक OTP मिलेगा। जिसे दर्ज करने पर श्रद्धालु केदारनाथ धाम में आधे घंटे तक हाई-स्पीड इंटरनेट का लाभ उठा सकेंगे

आपदा में जीवन रेखा बना यह नेटवर्क

जुलाई 2024 में जब केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीषण आपदा आई थी और सभी मोबाइल नेटवर्क बंद हो गए थे, तब यही नेटवर्क एकमात्र संचार साधन बनकर उभरा था। इससे न केवल यात्रियों और स्थानीय मजदूरों को अपने परिजनों से संपर्क करने में मदद मिली बल्कि राहत और बचाव कार्यों में भी इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।श्रद्धालुओं के लिए इस तरह की सुविधाएं यात्रा को न केवल अधिक सुविधाजनक बनाती हैं बल्कि आपात स्थिति में संचार की मजबूत व्यवस्था भी सुनिश्चित करती हैं। सरकार और प्रशासन की इस पहल को स्थानीय लोग और यात्री एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।यह पहल न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है जहां तीर्थस्थलों पर टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित की जा रही हैं।

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