बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर आई सामने : हिम शिवलिंग की ऊंचाई 7 फीट…3 जुलाई से शुरू होगी 38 दिन की अमरनाथ यात्रा

कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ की पवित्र गुफा से बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आ गई है। इस बार बर्फ का शिवलिंग करीब 7 फीट ऊंचा है।

इस शिवलिंग के दर्शन के लिए देशभर से लाखों लोग अमरनाथ आते हैं। यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी जो करीब 38 दिन चलेगी। 9 अगस्त को छड़ी मुबारक के साथ रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी।

यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया चल रही है। 13 से 70 साल की उम्र तक के भारतीय अमरनाथ यात्रा कर सकते हैं।

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन पर कोई असर नहीं नजर आ है। अब तक पिछले साल की तुलना में 20% ज़्यादा रजिस्ट्रेशन हुए।

15 अप्रैल से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड के जरिए करीब 3.50 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन कराया है। अभी तक रजिस्ट्रेशन में कोई कमी नहीं आई है।

श्राइन बोर्ड ने e-KYC, RFID कार्ड, ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन और दूसरी व्यवस्थाओं को भी बेहतर करने का निर्णय लिया है, ताकि यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो सके।

बोर्ड का कहना है इस बार पिछली बार से ज्यादा श्रद्धालु आ सकते हैं, इसलिए जम्मू, श्रीनगर, बालटाल, पहलगाम, नुनवान और पंथा चौक पर रुकने और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी की जा रही है।

बाबा बर्फानी की तस्वीरें…

टट्टू वालों और लोकल सेवादारों का बेस कैंप में आईडी वैरिफिकेशन

पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद, अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था काफ़ी कड़ी कर दी गई है। अब टट्टूवाले और स्थानीय सेवादार बेस कैंप में आईडी जांच के साथ रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सख्त आईडी वैरफिकेशन प्रोटोकॉल के साथ किया जा रहा है।

LG मनोज सिन्हा ने बेस कैंप का दौरा किया

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले तीर्थयात्रियों के लिए चल रही व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर में पंथा चौक ट्रांजिट कैंप का दौरा किया। पीएनबी सर्कल जम्मू के चीफ अनिल शर्मा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, 13 साल से कम और 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही उनके पास मेडिकल सर्टिफिकेट हो।

2024 में पहुंचे थे 5 लाख यात्री

2024 में यह यात्रा 52 दिनों की थी। 2023 में 62 दिन, 2022 में 43 दिन और 2019 में 46 दिनों तक यात्रा चली। 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण यात्रा स्थगित रही। 2024 में 52 दिनों तक चली अमरनाथ यात्रा में 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे।

2023 में 4.5 लाख यात्री शामिल हुए थे। साल 2012 में रिकॉर्ड 6.35 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। 2022 में कोविड के कारण आंकड़ा घटा था और 3 लाख तीर्थयात्रियों दर्शन के लिए पहुंचे थे।

कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट

1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।

तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।

किन बातों का ध्यान रखें

यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी (RFID) कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें।

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