क्या रोकी जाएगी चारधाम यात्रा? उत्तराखंड में कोरोना के दो केस से बढ़ी चिंता

उत्तराखंड के देहरादून और नैनीताल में कोविड-19 के दो नए मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. चारधाम यात्रा को देखते हुए एहतियाती कदम तेज किए जा रहे हैं. संक्रमित व्यक्ति बाहरी राज्यों से लौटे थे. सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू की है, जबकि यात्रा फिलहाल प्रभावित नहीं हुई है. श्रद्धालुओं से मास्क पहनने, हाथ धोने और जांच कराने की अपील की गई है. स्थिति बिगड़ने पर नई गाइडलाइन जारी की जा सकती है.

दिल्ली-यूपी-केरल के बाद अब उत्तराखंड में भी कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. राज्य के दो प्रमुख जिलों देहरादून और नैनीताल में हाल ही में कोविड-19 के नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. इन दोनों मामलों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद विशेष रूप से चारधाम यात्रा के मद्देनज़र अधिकारियों में चिंता का माहौल है, क्योंकि हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं.

देहरादून और नैनीताल में संक्रमण की पुष्टि 

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों मामलों में संक्रमित व्यक्ति राज्य से बाहर से लौटे थे. इनकी कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद संबंधित जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है. साथ ही, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और परीक्षण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

राज्य में कोविड प्रोटोकॉल फिर से लागू होने की संभावना

स्वास्थ्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि यदि आने वाले दिनों में संक्रमण के मामलों में इज़ाफा होता है, तो राज्य में कोविड प्रोटोकॉल को पुनः प्रभावी किया जा सकता है. इसमें मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने की अनिवार्यता और भीड़-भाड़ से बचने जैसे उपाय शामिल होंगे. अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

देश में 277 सक्रिय मामले

राज्य की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने जानकारी दी कि भारत में अब तक कोविड-19 के कुल 277 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें अधिकतर मामले तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों से आए हैं. उत्तराखंड में अभी तक कोई स्थानीय एक्टिव केस नहीं है, लेकिन बाहर से आए दो यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस कारण सरकार कोई चूक नहीं करना चाहती.

चारधाम यात्रा पर फिलहाल कोई असर नहीं

स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में चारधाम यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ा है और न ही यात्रा को रोकने की कोई योजना है. हालांकि, स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और यात्रा मार्गों पर स्थित चिकित्सा इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है. स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा करने के लिए जिलों को निर्देश भी जारी किए गए हैं.

श्रद्धालुओं से एहतियात बरतने की अपील

स्वास्थ्य विभाग ने सभी श्रद्धालुओं और आम लोगों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पहले जैसे नियमों का पालन करें. खासतौर से चारधाम यात्रा पर जाने वाले लोगों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले अपना हेल्थ चेकअप करवा लें और जहां संभव हो वहां भीड़ से दूरी बनाए रखें.

प्रशासन की तैयारी 

राज्य प्रशासन इस मामले को चेतावनी के रूप में देख रहा है और आगामी समय में यदि मामलों की संख्या बढ़ती है, तो नई गाइडलाइंस लागू की जा सकती हैं. फिलहाल, सरकार की प्राथमिकता चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराना है, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था के साथ-साथ उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

पीएम मोदी का मिशन- ‘विकसित भारत’ दिल्ली की प्लास्टिक फैक्ट्री में ब्लास्ट 2027 में अंतरिक्ष की सैर के लिए हो जाईए तैयार अनाप-शनाप दावे कर रहें हैं पाकिस्तानी नेता- अधिकारी शुक्रवार को कैंसिल रहेगी भागलपुर-हंसडीहा पैसेंजर ट्रेन