डेंगू और मलेरिया से बचाव: बीमारियों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज क्यों है ज़रूरी

भारत का सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र इन दिनों मच्छरों और हवा से फैलने वाली बीमारियों से निपटने की कोशिश कर रहा है। ये बीमारियां शहरों और गांवों में बड़े स्तर पर फिर से तेज़ी से फैल रही हैं। इनमें डेंगू और मलेरिया सबसे ज़्यादा चिंता का कारण हैं। सिर्फ साल 2023 में ही भारत में 94,000 से ज़्यादा डेंगू के मामले सामने आए। इसके अलावा हज़ारों लोग मलेरिया और दूसरी बीमारियों से भी प्रभावित हुए। इन बीमारियों के साथ इलाज का खर्च भी बढ़ा है। टेस्ट करवाने से लेकर ICU तक का खर्च आम लोगों के लिए भारी पड़ता है। इसलिए अब ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस की ज़रूरत है जो खास तौर पर इन बीमारियों को कवर करें और किफ़ायती भी हों।

वेक्टर जनित बीमारियां
वेक्टर जनित बीमारियां ऐसे रोग हैं जो वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों के कारण होती हैं। ये रोग जीवाणु इंसानों में जानवरों के ज़रिए या कभी-कभी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलते हैं। मच्छर, पिस्सू और कीट जैसे जीव, जो इन रोगों को फैलाते हैं, उन्हें वेक्टर कहा जाता है। अक्सर लोगों को यह पता भी नहीं चलता कि कब ये बीमारियां हो गईं, लेकिन समय पर इलाज न होने पर ये जानलेवा साबित हो सकती हैं। मलेरिया, डेंगू, प्लेग, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस कुछ सामान्य वेक्टर जनित बीमारियां हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में वेक्टर जनित बीमारियों की वजह से 7,00,000 से ज़्यादा लोगों की मौत होती है।

वेक्टर जनित बीमारियां कई कारणों से फैलती हैं। पर्यावरण की स्थिति इसका एक बड़ा कारण है। कुछ जगहों पर ऐसा वातावरण होता है जो मच्छरों और कीटों को पनपने देता है। जहां जनसंख्या बहुत घनी है, वहां बीमारी तेज़ी से फैल सकती है। तेज़ी से बढ़ते शहरों में भी इन रोगों का खतरा ज़्यादा होता है। जिन इलाकों में रुका हुआ पानी, लंबी घास और पहले से बीमारी फैलने का इतिहास है, वहां संक्रमण का खतरा सबसे ज़्यादा रहता है। अक्सर इन बीमारियों को सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस में पूरा कवर नहीं किया जाता। इसी कारण इन बीमारियों के लिए बनाए गए खास इंश्योरेंस प्लान ज़रूरी हो जाते हैं। इन प्लान से जल्दी मदद मिलती है, खर्च कम होता है और ज़्यादा कागज़ी कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ती।

सभी के लिए आसान और किफ़ायती हेल्थ इंश्योरेंस
इन बीमारियों के असर को कम करने में रोकथाम, जागरूकता अभियान अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इसके लिए काम्प्रीहेन्सिव हेल्थ इंश्योरेंस भी बेहद ज़रूरी है। खास बीमारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवर होने से, इलाज के दौरान वित्तीय सहायता मिलती है।
इस ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए, फोनपे ने डेंगू और मलेरिया के लिए एक किफ़ायती इंश्योरेंस प्लान लॉन्च किया है। इसकी कीमत सिर्फ ₹59 सालाना से शुरू होती है और इससे ₹1 लाख तक का कवर मिलता है। इस पॉलिसी में 10 से ज़्यादा ऐसी बीमारियां शामिल हैं जो मच्छरों या हवा के ज़रिए फैलती हैं और जिनके मामले ज़्यादा देखते हैं। यह प्लान फोनपे प्लेटफ़ॉर्म पर तुरंत लिया जा सकता है। इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों के लाखों लोगों तक हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा पहुंच पाएगी।
यह इंश्योरेंस प्लान यूज़र्स को मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से जुड़े मेडिकल खर्चों से बचाता है। इसमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा हवा से फैलने वाली बीमारियां जैसे स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, टाइफाइड, पल्मोनरी टीबी और मेनिन्जाइटिस भी कवर की जाती हैं। इस प्लान में इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइज़ेशन (ICU भी) कवरेज शामिल है। इसके साथ ही टेस्ट, इलाज, डॉक्टर की सलाह, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च और ज़रूरत पड़ने पर घर से इलाज की सुविधा भी दी जाती है। यह प्लान उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जिनके पास कोई इंश्योरेंस नहीं है। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा है जो अपने मौजूदा हेल्थ प्लान में बीमारी से जुड़ा अतिरिक्त कवर लेना चाहते हैं।

अधिकतर इंश्योरेंस प्लान सिर्फ़ मौसम के हिसाब से सुरक्षा देते हैं। लेकिन यह प्लान पूरे साल भर चलता है। मानसून के बाद भी जब बीमारिया अचानक फैल सकती हैं, तब भी यह कवर जारी रहता है।
आसानी से 4 स्टेप में खरीदें

  1. फोनपे ऐप खोलें
  2. इंश्योरेंस सेक्शन में जाएं
  3. डेंगू और मलेरिया प्लान चुनें
  4. डिजिटल कन्फ़र्मेशन के साथ तुरंत खरीदें
    डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां कब हो जाएं कहा नहीं जा सकता, लेकिन इलाज के खर्च के लिए पहले से तैयारी की जा सकती है। साल में थोड़ा सा खर्च करके आप अपने और अपने परिवार के लिए अच्छा हेल्थ कवरेज ले सकते हैं। इससे बीमारी के समय पैसे की चिंता नहीं रहती।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट