
सना । यमन में भारतीय नर्स निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे बचने के लिए 8 करोड़ की ब्लड मनी लेने से परिजनों ने इनकार कर दिया है। ऐसे में निमिषा के लिए संकट और बढ़ गया है। यमन की कानूनी व्यवस्था के तहत अगर पीड़ित परिवार ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाता है, तो निमिषा को क्षमादान मिल सकता है। ब्लड मनी एक तरह का आर्थिक मुआवजा है, जो दोषी की तरफ से पीड़ित परिवार को दिए जाने की पेशकश की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, निमिषा प्रिया के मामले में 8 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है।
यमन में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने की कोशिशें जारी हैं। कहा जा रहा है कि अगर पीड़ित का परिवार ब्लड मनी को स्वीकार कर लेता है, तो उनकी जान बच सकती है। हालांकि, ताजा रिपोर्ट्स से संकेत मिल रहे हैं कि पीड़ित परिवार ने धनराशि स्वीकार करने से मना कर दिया है। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। निमिषा साल 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की दोषी पाई गईं थीं।
कहा जा रहा है कि यमन में जारी संघर्ष ने निमिषा प्रिया मामले में मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सना और मुल्क के अधिकांश हिस्से पर हूती विद्रोहियों का नियंत्रण है, जिसके चलते भारतीय अधिकारियों के प्रभाव को कम कर दिया है। जोसेफ बताती हैं, प्रेमा कुमारी (निमिषा प्रिया की मां) बीते अप्रैल से यमन में हैं। उन्हें किसी चमत्कार की उम्मीद है। प्रिया के पति और 12 साल की बेटी इडुक्की में हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रिया की मां प्रेमकुमारी अपनी बेटी की रिहाई सुनिश्चित कराने के प्रयासों के तहत पिछले वर्ष यमन गई थीं। बताया जाता है कि भारतीय पक्ष ने प्रिया की रिहाई दियात या ब्लड मनी देकर सुनिश्चित करने के विकल्प पर भी विचार किया था लेकिन इसमें भी कुछ बाधा आई। केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेनगोड़े की प्रिया को जुलाई 2017 में यमन के एक व्यक्ति की हत्या का दोषी ठहराया गया था। वह व्यक्ति प्रिया का बिजनेस पार्टनर था। यमन की अदालत ने 2020 में उसे मौत की सजा सुनाई थी और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी थी। निमिषा यमन की राजधानी सना में जेल में बंद है। सना में इस वक्त ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का नियंत्रण है।
क्या है ब्लड मनी?
आखिर जानते हैं क्या होती है ब्लड मनी। ‘ब्लड मनी’ एक प्रकार का आर्थिक मुआवजा है, जो आरोपी द्वारा पीड़ित के परिवार को दिया जाता है। इसे दियात भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि आरोपी को माफी मिलने की संभावना बने। इस्लामिक कानून के तहत खासकर हत्या जैसे मामलों में पीड़ित के परिजनों को यह अधिकार होता है कि वे दोषी को क्षमा करें या नहीं। यदि वे मुआवजा लेने को तैयार हों, तो सजा-ए-मौत को टाला जा सकता है। यह व्यवस्था अधिकतर गैर-इरादतन हत्या जैसे मामलों में अपनाई जाती है, लेकिन कई बार जानबूझकर की गई हत्या में भी परिवार की सहमति से यह रास्ता खुलता है।
कितनी होती है ब्लड मनी की रकम
ब्लड मनी की कोई तय रकम नहीं होती। यह आमतौर पर आरोपी और पीड़ित के परिवार या उनके प्रतिनिधियों के बीच आपसी सहमति से तय की जाती है। कुछ देशों में न्यूनतम राशि का अनुमान तय होता है। निमिषा प्रिया के मामले में अनुमान है कि 3 से 4 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए) तक की रकम की आवश्यकता पड़ सकती है। निमिषा के लिए के लिए साल 2020 में ‘Save Nimisha Priya International Action Council’ की शुरुआत की गई थी, जो इस रकम को जुटाने में लगा है।