
यूपी ATS और ED की जांच में उजागर हुआ है कि जलालुद्दीन शाह उर्फ़ ‘छांगुर बाबा’ एक संगठित धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड है. पहले एक साधारण साइकिल वाले ज्योतिषी रहे छांगुर ने मुंबई और सऊदी अरब में नेटवर्क बनाकर खुद को सूफी ‘पीर बाबा’ के रूप में पेश किया और फिर बलरामपुर के चंदौलिया बाबा के पास आश्रम स्थापित किया. जांच में सामने आया है कि छंगुर बाबा और उसके साथियों ने करीब ₹300 करोड़ की संपत्ति खड़ी की, जिसमें दर्जनों बंगले, लग्ज़री गाड़ियाँ और 40 से अधिक फर्जी एनजीओ शामिल हैं.
कभी उत्तर प्रदेश के गांवों में साइकिल पर घूमकर रत्न बेचने और ज्योतिषी का काम करने वाला जलालुद्दीन शाह उर्फ ‘छांगुर बाबा’ आज कथित रूप से एक संगठित अवैध धर्मांतरण रैकेट का सरगना बन गया है. अब इस ‘पीर बाबा’ की करोड़ों की संपत्ति और संदिग्ध गतिविधियां उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं.
#WATCH | Utraula, Balrampur | Uttar Pradesh administration's action on the properties belonging to Chhangur Baba continues for the third consecutive day.
— ANI (@ANI) July 10, 2025
He is the alleged mastermind of a religious conversion gang and was arrested by the Uttar Pradesh ATS. pic.twitter.com/SkTVncuiTw
कैसे हुआ छांगुर बाबा का उदय?
छांगुर बाबा की शुरुआत एक साधारण ज्योतिषी के रूप में हुई, लेकिन मुंबई और सऊदी अरब में कुछ समय बिताने के बाद उसने खुद को सूफी शैली के ‘पीर बाबा’ या ‘हज़रत जलालुद्दीन’ के रूप में पेश करना शुरू किया. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में नेपाल सीमा के पास चंदौलिया बाबा के मजार के पास उसने अपना आश्रम बनाया.
#WATCH | Lucknow, UP | ADG Law and Order, Amitabh Yash says, "Today, UP ATS has obtained 7-day remand of Chhangur Baba & his main associate Neetu alias Nasreen. They will be questioned about the network of their gang, the money trail and their illegal properties. The process to… pic.twitter.com/RNLz94c2v5
— ANI (@ANI) July 10, 2025
₹300 करोड़ की अवैध संपत्ति और 40 NGOs
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में छांगुर बाबा और उसके साथियों ने 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खड़ी की. इनमें लग्ज़री गाड़ियां, बंगले और दर्जनों संपत्तियां शामिल हैं, जिनमें कई उसके सहयोगियों और एनजीओ के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. ATS की जांच में सामने आया कि उसने 40 से ज्यादा एनजीओ बनाए और उनके नाम पर बैंक खाते खोले, जिनमें पिछले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ से ज्यादा की संदिग्ध लेनदेन हुई. जांच एजेंसियों को आशंका है कि इस रकम में विदेशी फंडिंग भी शामिल है.
धर्मांतरण के लिए रकम और धमकी का इस्तेमाल
ATS के मुताबिक, छंगुर बाबा गरीब और कमजोर लोगों को पैसे का लालच देकर और झूठे मुकदमों की धमकी देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था. ब्राह्मण, सिख या क्षत्रिय लड़कियों को धर्मांतरित कराने के लिए ₹15-16 लाख तक वसूले जाते थे, जबकि OBC और अन्य जातियों के लिए यह रकम कम थी.
मॉड्यूल का खुलासा: प्यार, लालच और पहचान बदलना
इस रैकेट में ‘लव जिहाद’ जैसे हथकंडे भी अपनाए जाते थे. लखनऊ की एक युवती गुंजा गुप्ता को अबू अंसारी नाम के व्यक्ति ने ‘अमित’ बनकर फंसाया और फिर उसका नाम बदलकर अलीना अंसारी रख दिया गया.
आश्रम बना था धर्मांतरण का अड्डा
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के मधपुर गांव में 3 बीघा जमीन पर बने इस आश्रम में करीब 50 लोगों के ठहरने की व्यवस्था थी और पूरी जगह CCTV से लैस थी. यह सरकारी जमीन (ग्राम सभा) पर अवैध रूप से बनाई गई थी, जिसे अब ध्वस्त कर दिया गया है.
महंगी ज़मीन डील और नए खुलासे
जांच के दौरान पुणे में ₹16 करोड़ की एक ज़मीन डील का भी खुलासा हुआ है, जिसकी बाजार कीमत अब ₹200 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. इस डील में उत्तर प्रदेश के एक कोर्ट क्लर्क और उसकी पत्नी की संलिप्तता भी पाई गई है.
गिरफ्तारी और आगे की जांच
छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसीरीन को ATS ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया. उससे पहले अप्रैल में उसके बेटे महबूब और नसीरीन के पति जमालुद्दीन को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. ATS अभी 14 और आरोपियों की तलाश कर रही है. यह केस अभी भी जांच के दौर में है, और इसमें और भी बड़े नामों, संपत्तियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों के खुलासे की संभावना जताई जा रही है.