
कानपुर: कानपुर में चल रहे बड़े प्रशानिक झगड़े में आखिरकार सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने फतह हासिल कर ली है. डीएम जितेंद्र सिंह और हरिदत्त नेमी बीच हुए विवाद ने जमकर सुर्खियां बटोरी थी. सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को कानपुर से हटाने की भरपूर कोशिश हुई लेकिन हाईकोर्ट जाकर पूरा पासा पलट दिया. हाईकोर्ट ने हरिदत्त नेमी का निलंबन रद्द कर दिया. इसके बाद शासन को भी झुकना पड़ा और कानपुर सीएओ की कुर्सी हरिदत्त नेमी को देनी पड़ी. बुधवार को आदेश मिलने के बाद गुरुवार सुबह 10 बजे डॉ. हरिदत्त नेमी कार्यालय पहुंचकर अपना कार्यभार संभाल लिया. जैसे ही डॉ. हरिदत्त नेमी सीएमओ कार्यालय पहुंचे कर्मचारियों ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
कर्मचारियों ने पैर छुएः
हालांकि इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया और अभी तक हुए पूरे घटनाक्रम को लेकर बस इतना कहा- नो कमेंट प्लीज़. वहीं जैसे ही डॉ. हरि दत्त नेमी सीएमओ कार्यालय पहुंचे तो पिछली बार की तरह कार्यालय के कर्मियों ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. डॉ. हरिदत्त नेमी को दोबारा चार्ज मिलने पर लोगों में चर्चा है कि शासन-प्रशासन को झुकना पड़ा
बिना कुछ कहे उदयनाथ वापस लौटेः
कानपुर में चल रहे सीएमओ प्रकरण की चर्चा पूरे सूबे में जोरों पर है. तमाम नाटकीय घटनाक्रमों व शासन के आला अफसरों, भाजपा विधायकों के हस्तक्षेप से दिनों दिन ये मामला तूल पकड़ता रहा. बुधवार को जब डॉ. उदयनाथ को शासन से ये आदेश मिला कि उन्हें वापस एसीएमओ श्रावस्ती के पद पर ज्वाइन करना होगा तो वो भी बिना मीडिया से कुछ कहे ही चले गए. हालांकि उनकी ओर से ये बात सीएमओ कार्यालय के अंदर चर्चा का विषय बनी रही, जिसमें उन्होंने कहा अभी 15 दिनों बाद सभी देखेंगे की क्या होगा? गुरुवार को सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने चार्ज लेने के बाद विभागीय काम शुरू कर दिए । .
कब और कैसे शुरू हुआ विवादः
बता दें किडीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के दफ्तर पर छापेमारी की थी. इस दौरान सीएमओ समेत कई कर्मचारी बिना सूचना गैरहाजिर मिले थे. कई बार स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण में भी डीएम को भारी गड़बड़ियां मिलीं थीं, जिसकी चर्चा लगातार हो रही थी. एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. डीएम और सीएमओ के खिलाफ कई अनियमितताएं मिलने के बाद हटाने के लिए एक चिट्ठी शासन को भेजी. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, भाजपा एमएलसी और विधायक ने हरिदत्त नेमी के समर्थन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेटर लिखा था. हालांकि इसके बाद ही हरिदत्त नेमी को सस्पेंड कर दिया गया था.
कब-कब क्या हुआ?
- 7 जून को पहली बार डीएम व सीएमओ में आपसी कहासुनी, एक ऑडियो वायरल का मामला था.
- 11 जून को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने डिप्टी सीएम को सीएमओ रहे डा.हरिदत्त नेमी के पक्ष में पत्र भेजा.
- 19 जून को सीएमओ रहे डा.हरि दत्त नेमी का निलंबन आदेश शासन से जारी हुआ.
- 19 जून को ही सीएमओ रहे डा.हरि दत्त नेमी ने वार्ता कर डीएम कानपुर पर कई गंभीर आरोप लगाए.
- 7 जुलाई को डा.हरिदत्त नेमी को हाईकोर्ट से निलंबन आदेश के एवज में स्टे आर्डर मिल गया.
- 9 जुलाई को डा.हरिदत्त नेमी ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर चार्ज ले लिया था
- 10 जुलाई को डा.हरिदत्त नेमी को पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सीएमओ कार्यालय से बाहर निकाला गया, शासन से उनके खिलाफ जांच के आदेश हुए.
- 16 जुलाई को सीएमओ डा. उदयनाथ सिंह को शासन से वापस एसीएमओ श्रावस्ती के पर भेजा गया और सीएमओ का चार्ज डा. हरिदत्त नेमी को मिल गया