सावन शिवरात्रि: घर पर ऐसे करें पूजा और जलाभिषेक, जानें क्या है सबसे शुभ समय

सावन के पवित्र महीने में महादेव की पूजा बहुत ही शुभ और फलयादी माना जाता है. यह महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है. इस बार सावन का महीना 09 अगस्त 2025 तक रहेगा. हिंदू धर्म में सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस दिन शिवालयों पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने, माता पार्वती संग भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा करने का विधान होता है. इस दिन व्रत रखते हुए शिवजी के दर्शन, पूजा-पाठ करने से हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है.

सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है, जिसमें महादेव को शुद्ध जल, गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद से शिव का रुद्राभिषेक होता है. इस वर्ष सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त और महत्व. 

सावन शिवरात्रि 2025 की शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 38 मिनट पर होगी और समापन 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 29 मिनट पर होगी. इस तरह से 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी.

पूजन का शुभ मुहूर्त

शिव पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि पर जो भी भक्त सच्चे मन से व्रत रखता है और पूजा-पाठ को विधि-विधान के साथ करता है उसकी सभी तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं. सावन शिवरात्रि पर शिव पूजन निशा काल में करना शुभ होता है. इस दिन पूजा के लिए निशाकाल 23 जुलाई को रात 12 बजकर 25 मिनट से लेकर 01 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भद्रा का वास दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. आइए जानते हैं शिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा का समय.

  • पहले प्रहर की पूजा का समय- शाम 07 बजकर 26 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 06 मिनट तक.
  • दूसरे प्रहर की पूजा का समय- रात 10 बजकर 06 मिनट से लेकर 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट तक.
  • तीसरे प्रहर की पूजा का समय- 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 03 बजकर 27 मिनट तक.
  • चौथे प्रहर की पूजा का समय- 24 जुलाई को सुबह 03 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 07 मिनट तक.

जलाभिषेक का मुहूर्त

  • शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि के दिन ब्रह्रामुहूर्त में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
  • सावन जलाभिषेक का पहला मुहूर्त- 23 जुलाई को जलाभिषेक के लिए सुबह 04 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक.
  • जलाभिषेक का दूसरा मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक.

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

  • सावन मासिक शिवरात्रि पर जल्दी उठकर स्नान करें.
  • फिर पूजा का संकल्प लेते हुए शिवमंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती समेत शिव परिवार की पूजा करें.
  • इसके बाद शिव मंत्रों का लगातार जाप करते हुए शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें.रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं.

– रुद्राभिषेक करने बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, दीप, शमी के पत्ते आदि चढ़ाएं.

– इसके बाद धूप, दीप, फल और पुष्प अर्पित करते हुए शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें.

– शिवरात्रि के अगले दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और दान देने के बाद अपना उपवास खोलें.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट