वाराणसी में फिर बाढ़ का कहर, गंगा और वरूणा की लहरों ने दिखाया रौद्र रूप

—गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदू के करीब,राहत शिविरों में पहुंचने लगे पीड़ित

वाराणसी,.  उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सदानीरा गंगा और उनकी सहायक नदी वरूणा ने फिर रौद्र रूप धर लिया है,जिससे दोनों नदियों के तटवर्ती क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। तटवर्ती क्षेत्र में जनजीवन ठहर सा गया है। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिका घाट की गलियों में दूसरी बार नौका चलने की नौबत आ गई है, वहीं जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज कुछ सेंटीमीटर दूर पहुंच गया है। वाराणसी जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और जल पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव के लिए निर्देश दिए गए है।

—गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदू पास

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शुक्रवार सुबह 06 बजे गंगा का जलस्तर 69.84 मीटर दर्ज किया गया, जबकि चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। जलस्तर में औसतन दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से वृद्धि हो रही है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते है। आयोग के अनुसार पिछले दिनों उत्तराखंड में बादल फटने, मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड में भारी बारिश के बाद केन-बेतवा के साथ यमुना का पानी आने से गंगा में भी वृद्धि हो रही है।

—तटवर्ती क्षेत्र प्रभावित

बाढ़ के पहले दौर की तरह इस बार भी तहसील सदर के रामपुर ढाब और शहर के वरुणा नदी के किनारे बसे सात मोहल्ले – सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, ढेलवरिया, दनियालपुर, हुकुलगंज और बड़ी बाजार – सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।

—घाटों पर अंतिम संस्कार में परेशानी, गंगा आरती गलियों में

गंगा के बढ़ते जलस्तर से मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही हैं। मणिकर्णिका घाट की गलियों में पानी भरने से शवों को नाव से ऊपरी प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट की गलियों में ही शवदाह किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार की सीढ़ियों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस कार्यालय भी डूबने के कगार पर है। अस्सी घाट की सीढ़ियों को पार करते हुए गंगा का पानी अब गलियों तक पहुंच चुका है, जहां नियमित सायंकालीन गंगा आरती अब गलियों में ही किया जा रहा है।

— प्रभावित क्षेत्र और सतर्कता

सामने घाट पर निर्माणाधीन घाट जलमग्न हो गया है, जबकि मारुति नगर कॉलोनी में पीछे की ओर से पानी प्रवेश कर गया है। सारनाथ के पुलकोहना क्षेत्र में भी वरुणा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नालों के जरिए बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच रहा है। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है और जलस्तर पर नजर रखते हुए सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। जल पुलिस, एनडीआरएफ, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जिलाधिकारी सत्येंन्द्र कुमार ने गुरूवार शाम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सलारपुर का दौरा किया था। राहत शिविर प्राथमिक विद्यालय सलारपुर में जाकर जिलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की थी।

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