
हर घंटे बढ़ रहा है जलस्तर, प्रशासन एलर्ट मोड पर, राहत-बचाव कार्य तेज
औरैया । कोटा बैराज से छोड़े गए भारी मात्रा में पानी के चलते यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 5 मीटर ऊपर पहुंच चुका है। नदियों के उफान से औरैया, जालौन और इटावा जिले में भीषण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, जलस्तर हर घंटे 9 से 10 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है, जिससे हजारों ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। पांच नदियों के संगम पंचनद क्षेत्र में भी हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
प्रभावित गांवों में हड़कंप, घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोग
यमुना और चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण अजीतमल तहसील के मई, अस्ता, सिकरोड़ी, गौंहनी कलां, गूंज, ततारपुर कलां, असेवा, कैथोली, फरिहा, भरेह, जुहीखा, असेवता सहित दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।
सबसे गंभीर स्थिति सिकरोड़ी, गौंहनी कलां, गूंज, ततारपुर कलां, जुहीखा और फरिहा गांवों की बताई जा रही है, जहां के प्राथमिक विद्यालय तक डूब चुके हैं। हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
संपर्क टूटा, प्रशासन ने तैनात की नावें और एनडीआरएफ टीम
बाढ़ के चलते कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है। गौंहनी कलां में प्रशासन ने तीन नावों की व्यवस्था की है ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्यों में जुटी हुई है।
उपजिलाधिकारी निखिल राजपूत ने बताया कि सभी विभागों को एलर्ट मोड पर रखा गया है। बाढ़ चौकियों से निगरानी और राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
राहत शिविरों की स्थापना, प्रशासन की अपील
प्रभावित लोगों के लिए जाजपुर स्थित हनुमाना गढ़ी विद्यालय व गांव जुहीखा में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। शिविरों में गद्दे, चादरें, पीने का पानी, भोजन, रोशनी और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
भरेह गांव के भारेश्वर मंदिर की सीढ़ियों तक भी चंबल का पानी पहुंच चुका है, जिससे खतरे की स्थिति और गंभीर हो गई है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिना जरूरत प्रवेश न करें, अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है और स्थिति की निरंतर समीक्षा की जा रही है।