महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है. इसी तरह मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है. शिवरात्रि का मुख्य पर्व साल में दो बार व्यापक रुप से मनाया जाता है. एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं. हालांकि महाशिवरात्रि के पर्व की तिथि को लेकर कुछ लोग दुविधा में हैं. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की सही तिथि क्या है.
कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि?
इस बार जो महाशिवरात्रि पड़ रही है वो 21 फरवरी को है. 21 तारीख को शाम को 5 बजकर 20 मिनट से त्रयोदशी तिथि समाप्त हो जाएगी और चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि मनाई जाती है. शिवरात्रि तिथि रात्रि में जब होगी तभी मनाई जाएगी.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
21 फरवरी को ये शिवरात्रि शाम को 5 बजकर 20 मिनट से शुरु होकर शनिवार 22 फरवरी को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगी. रात्रि की पूजा शाम को 6 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 52 मिनट तक होगी. शिवरात्रि में जो रात का समय होता है उसमें चार पहर की पूजा होती है.
व्रत खोलने का समय
चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की ही तिथि मानी जाती है. चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि होती है. 21 फरवरी को त्रयोदशी के दिन जो लोग पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो वो 22 फरवरी को भी चतुर्दशी के समय तक शिव का पूजन कर सकते हैं. मंदिरों में 22 फरवरी को भी धूमधाम से शिव का पूजन किया जाएगा. शिवरात्रि तभी मनानी चाहिए जिस रात्रि में चतुर्दशी तिथि हो. शिवरात्री का व्रत रखने वाले अगले दिन 22 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पारण कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. पूरी रात्रि का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं.
तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.
– पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.