विकासनगर। फायर सीजन को लेकर वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसको लेकर विभाग ने अग्नि सुरक्षा को लेकर 52 क्रू स्टेशन बनाये है।
हर साल 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक फायर सीजन होता है। जिसकों लेकर विभाग भी सर्तक हो जाता है। दावानल की घटनाओं को रोकने के लिए चकराता और कालसी वन प्रभाग ने पूरी तैयारियां कर ली है। क्षेत्र में दावानल की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग मुस्तैद है। वन प्रभाग कालसी ने 25 और चकराता ने 27 क्रू स्टेशन बनाए है। प्रत्येक क्रू स्टेशन पर विभाग ने 8 से 9 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। चकराता वन प्रभाग में 45 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। जिसमें कीमती प्रजाति के पेड़ के साथ ही देवदार, कैल, मोरू, बान, शीशम, चीड़, अताईशा आदि के साथ ही कई वन्य जीव भी पाये जाते है। इन जंगलों में आग लगने की संभावनाए अधिक रहती है। उधर इस संबध डीएफओ चकराता दीपचंद आर्य ने बताया कि चकराता में छह रेंजो के अधिकारीयों को दावानल की घटनाए रोकने निर्देशत दिये गये है। कहा कि विभाग की तरफ से फायर सीजन को लेकर हर संभव तैयारियां की गई है।
चकराता वन प्रभाग में दावानल के पांच वर्ष के विभागीय आंकड़े
वर्ष घटानाएं हेक्टयर
2015 8 18
2016 46 84
2017 4 2
2018 28 19
2019 10 15