
बहुत बड़े वित्तीय संकट से जूझ रहे देश के चौथे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक YES Bank की बागड़ोर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने हाथों में ले ली हैं । आरबीआई की ओर से बैंक के गा्रहकों के लिए कुछ गाइडलाइन तय की गई हैं । बैंक के ग्राहकों को पैसे बचाने के लिए शर्तों के साथ पैसा निकालने की सीमा तय कर दी गई है । जिसे लेकर खाता धारकों में नाराजगी भी है ।
हर महीने सिर्फ 50 हजार निकालने की सीमा
यस बैंक के खाता धाराक अब हर महीने केवल 50 हजार रुपए ही निकाल सकेंगे । कुछ विशेष परिस्थितियों में खाता धारक पांच लाख रुपए तक निकाल सकेंगे । बैंक को वाजिब जानकारी उपलब्ध कर आप 50 हजार से ज्यादा का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं । ये विशेष परिस्थिति पढ़ाई, इलाज, घर में कोई बबड़ा आयोजन आदि हो सकते हैं ।
आरबीआई का फैसला क्या है?
दरअसल आरबीआई को ये फैसला इसेलिए लेना पड़ा क्योंकि बैंक बड़े कर्ज से जूझ रहा है । 2019 में 3 लाख 80 हजार 826 करोड़ रुपए की पूंजी वाले यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है । इसलिए बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने फौरन इसकी कमान अपने हाथ में ली । आरबीआई की ओर से बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग कर दिया गया है । फिलहाल के लिए बैंक की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया, जिसके लिए SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार को चुना गया है ।
खाता धारकों को परेशान होने की जरूरत नहीं
आरबीआई की ओर से उठाया गया ये कदम बैंक की वित्तीय हालत को सुधारने में मददगार साबित होगा । ये खाता धारकों को भी मदद करेगा, भविष्य में खाता धारकों के पैसे ना डूबें इसके लिए ही RBI को ग्राहकों और बैंक की मदद के आना पड़ा । 2004 में शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत वर्तमान में ठीक नहीं थी । बैंक पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ा रहा था और बैंक के शेयर में भी लगातार गिर रहे थे ।
अब क्या होगा ?
सय बैंक के ग्राहकों को अपने पैसों की चिंता है । बताया जा रहा है कि 2018 से ही RBI को लग रहा था कि बैंक अपने NPA और बैलेंसशीट में गड़बड़ी कर रहा है । YES बैंक की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी कर खाता धारकों कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है । बहुत जल्द बैंक के लिए रीस्ट्रक्चरिंग प्लान पेश किया जाएगा और कसटमर्स के पैसों को सुरक्षित किया जाएगा ।