योगी सरकार के तीन साल: आधारभूत ढांचे में आया अभूतपूर्व बदलाव

– एक्सप्रेस-वे, मेट्रो और हवाई सेवाओं से उप्र के विकास को लगेंगे पंख
– उत्तर प्रदेश में बनेगा देश का सबसे लम्बा गंगा एक्सप्रेस-वे
– एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में निर्माणाधीन

लखनऊ । योगी आदित्यनाथ सरकार 19 मार्च को अपने तीन साल पूरे करने जा रही है। इस दौरान अवस्थापना विकास के मोर्चे पर प्रदेश सरकार के कार्यों पर नजर डालें तो यूपी को काफी कुछ हासिल हुआ है। कई बड़े प्रोजेक्ट को लेकर जिस तरह तेजी से काम किया जा रहा है, वह उत्तर प्रदेश के नवनिर्माण में बेहद अहम भूमिका अदा करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब कार्यभार संभाला था, तो उनके सामने राज्य की बड़ी आबादी के बीच आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने की बड़ी चुनौती थी। विपक्ष की ओर से उन पर लगातार हमले होते रहे, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ इस चुनौती को स्वीकार किया बल्कि विकास का रोडमैप तैयार कर इस पर तेजी से अमल कराने पर ध्यान दिया, जिसके परिणाम अब धरातल पर नजर आने लगे हैं।

उप्र के विकास का सूर्य साबित होगा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा सुलतानपुर, अमेठी और अंबेडकरनगर, अयोध्या के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कम विकसित जनपदों आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के विकास का सूर्य साबित होगा। 22494.66 करोड़ की लागत से बनने वाले 340.824 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे को दीवाली में लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा होगा और इसे 8 लेन भी किया जा सकेगा। आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग व टेक ऑफ करने के लिए सुलतानपुर में 3.2 किलोमीटर लंबाई की हवाई पट्टी का निर्माण भी हो रहा है। परियोजना के मुख्य कैरिजवे में 18 फ्लाईओवर, 7 दीर्घ सेतु, 112 लघु सेतु, 5 वायाडक्ट, 489 पुलिया एवं 2202 अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।

एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाया जाएगा औद्योगिक गलियारा
इस एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे जिन जिलों, नगरों या कस्बों के करीब से होकर गुजरेगा, वहां न केवल तत्काल रोजगार मिलेगा, बल्कि दीर्घकालिक ग्रामीण आर्थिक विकास की बुनियाद भी मजबूत होगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े हुनरमंदों को भी काफी लाभ मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी के जरिये वे अपना उत्पाद आसानी से देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचा सकेंगे।

पिछड़े बुन्देलखण्ड में एक्सप्रेसवे से रखी विकास की आधारशिला
प्रदेश में पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड क्षेत्र वर्षों से उपेक्षा के शिकार रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की बदौलत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया है। अब पूर्वांचल के साथ बुन्देलखण्ड के दिन भी बहुरने वाले हैं। 296.070 किलोमीटर लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का इसमे अहम योगदान होगा। इसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और इटावा लाभान्वित होंगे। यह एक्सप्रेसवे 4 लेन चौड़ा होगा और इसे 6 लेन किया जा सकेगा। इसमें 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाई ओवर तथा 214 अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण कार्य के शुरू होने से लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

प्रदेश और देश को सशक्त बनाएगा डिफेंस इंडिस्ट्रयल कॉरिडोर
डिफेंस इंडिस्ट्रयल कॉरिडोर के लिए आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, जालौन, झांसी और कानपुर में 6 नोड्स चिह्नित किए गए। इन सभी 6 नोड्स के लिए 5125.348 हेक्टेअर जमीन प्रस्तावित है। आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में डिफेंस कॉरिडोर से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए सरकार ने आईआईटी कानपुर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये के सापेक्ष 2 करोड़ रुपये, आईआईटी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी को स्वीकृत 69 करोड़ रुपये के सापेक्ष 2 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करवा दी गई है। इन संस्थानों द्वारा इस कार्य को प्रारंभ कर दिया गया है। इस कॉरिडोर के बन जाने पर 2.50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में मिलेगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना को 5876.67 करोड़ (भूमि लागत सहित) लागत से कार्य किया जा रहा है। यह लिंक एक्सप्रेस-वे 91.352 किलोमीटर लम्बा होगा। गोरखपुर के जैतपुर बाईपास से लिंक एक्सप्रेसवे शुरू होगा, जो सलारपुर आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में मिलेगा। इससे गोरखपुर, आजमगढ़, अंबेडकरनगर और संत कबीर नगर जनपद लाभान्वित होंगे। परियोजना के लिए विकासकर्ताओं को चयन कर लिया गया है एवं लेटर ऑफ अवार्ड जारी कर दिए गए हैं। परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का 77.65 प्रतिशत भू-अर्जन कर लिया गया है।

गंगा एक्सप्रेस-वे को धरातल पर उतारने की कवायद हुई तेज
मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 596 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है और डीपीआर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। 2024 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। इससे नये रोजगार का सृजित होंगे। कृषि, उद्योग, हैंडीक्राफ्ट और पर्यटन का विकास होगा। इस एक्सप्रेस-वे से कृषि उत्पादों के परिवहन, फूड प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में मदद मिलेगी। दुर्घटनाओं और प्रदूषण में कमी आएगी। चिकित्सा एवं शिक्षा सेवा का विस्तार होगा।

12 नये एयरपोर्ट पर चल रहा काम
वर्ष 2017 के पहले तक प्रदेश के सिर्फ दो शहर एयर कनेक्टिविटी से जुड़े थे। इस समय 12 नये एयरपोर्टस पर काम चल रहा है। नोएडा में एशिया के सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पर तेजी के साथ काम चल रहा है। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी इसका निर्माण कर रही है। एयरपोर्ट के पास एक शहर बसाया जाएगा। यहां घर, दफ्तर और बाजार सभी आसपास होंगे। क्लीन सिटी-ग्रीन सिटी की थीम पर बसने वाले इस शहर में यूरोपीय देशों का प्रभाव दिखेगा। इस एयरपोर्ट के बन जाने से आने वाले 30 वर्षों में प्रदेश को 1 लाख करोड़ से अधिक रेवेन्यू प्राप्त होगा। यह एयरपोर्ट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही औद्योगिक विकास को पंख लगाएगा। इससे 1 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।

मेट्रो परियोजना को लगे पंख
कानपुर, झांसी, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और मेरठ शहरों के लिए मेट्रो या रैपिड अर्बन ट्रांसपोर्ट कार्य योजना प्रगति पर है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के तहत 23 किलोमीटर कॉरिडोर (अमौसी से मुन्शी पुलिया) पर संचालन प्रारम्भ हो चुका है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के फेज-1 बी की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो चलेगी। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना तेजी के साथ शुरू हुई है। इस पर 11076.48 करोड़ की लागत आएगी। इसमें दो कॉरिडोर होंगे, पहला आईआईटी कानपुर से नौबस्ता तक तथा दूसरा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बर्रा तक। आगरा मेट्रो रेल परियोजना पर 8379.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें दो कॉरिडोर होंगे। पहला सिंकदरा से ताज ईस्ट गेट तक और दूसरा आगरा कैंट से कालिंदी बिहार तक। गोरखपुर में मेट्रो चलाने पर तेजी से काम चल रहा है। यहां भी दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे।

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