शिमला । प्रदेश के एकमात्र महिला एवं शिशु रोग कमला नेहरू अरूपताल (के.एन.एच.) में फिर एक बार डाक्टरों की लापरवाही सामने आई है। यहां पर डाक्टरों ने जिंदे नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया। नवजात के जिंदा होने का पता तभी चला जब बच्चे को अलमारा से बाहर निकाला जा रहा था और वह चिल्लाया।
कुल्लु के मौहल गांव के रहने वाले नवजात के पिता विजय कुमार ने आरोप लगाए है कि उनकी पत्नी को नेरचौक से के.एन.एच. के रैफर किया। महिला का वी.पी. 198 था जब बुधवार को के.एन.एच. में चैक किया तो नार्मल आया। तभी के.एन.एच. में डाक्टरों ने कहा कि महिला की डिलीवरी होनी है। ऐसे में उसे लेबर रूम में एकडमिट कर दिया। रात 3 बजे महिला की डिलीवरी हो गई।
विजय का कहना है कि जब डिलीवरी हुई तो डाक्टरों ने उन्हें अंदर बुलाया और कहा कि आपके पत्नी की डिलीवरी हो गई है। तभी डाक्टरों ने हस्ताक्षर करने को कहा और साथ में बताया कि आपके बच्चे में 110 पल्स है, जबकि बच्चे को जिंदा रहने के लिए 140 पल्स चाहिए। बच्ची तीन मिनट तक ही जिंदा रह सकती है। विजय का कहना है कि वे अपनी पत्नी का इलाज करवाने चले गए। जब बाद में 1:30 बजे के करीब डॉक्टर ने बुलाया तो कहा कि आप आ जाओं और अपने बच्चे के शव को ले जाओ। तभी विजय ने अपने सासु मां को बच्चे को लाने अंदर भेजा।
डाक्टर ने विजय की सासु मां को कहा कि आप अलमीरा से बच्चे के शव को निकालों और बैग के अंदर पैक कर दो। जैसे महिला बच्चे को अलमीरा से बाहर निकाल रही थी तो बच्चा एकदम से चिल्लाया। तभी पता चला कि बच्चा जिंदा है।
डॉक्टरों ने उसके बाद बच्चे को वेंटीलिटर में रखा। विजय का आरोप है कि बच्चे को 10 घंटे तक डॉक्टरों ने अलमीरा के अंदर रखा। बच्चे की ऐेसे में कभी जान जा सकती थी यहां तक डाक्टरों ने तो पहले ही मृत घोषित कर दिया था। विजय कुमार ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सखत से सखत कार्रवाई की जाए। ताकि किसी अन्य लोगों के साथ इस तरह की मामला पेश न आए।
2016 में हुई थी बच्चे की अदला बदली
के.एन.एच. में डाक्टर की यह लापरवाही पहली बार सामने नहीं आई है, बल्कि 2016 में भी यहां पर बच्चे की अदला बदली हुई थी। इस दौरान एक महिला बच्च दूसरे महिला सौंपा था। जब कार्रवाई हुई थी तो बच्चे को दोनों महिलाओं को एक दूसरे वापिस करना पड़ा। यह लापरवाही भी उस दौरान डाक्टरों की सामने आई थी। यह मामला काफी चर्चित रहा।
मामले में कमेटी गठित
के.एन.एच. के एम.एस. डा. अंबिका का कहना है कि नवजात को मृत घोषित करने का मामला मेरे ध्यान में आया है। मामले की शिकायत मुझे परिजनों ने दी है। इस मामले को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है। यह डाक्टरों की बहुत बड़ी लापरवाही है। इसको लेकर गंभीरता से कार्रर्वा की जाएगी।