लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी में सबसे बड़े धार्मिक केंद्र और पर्यटन स्थल इमामबाड़ा पर जनता कर्फ्यू का जहां पूरा असर दिखायी पड़ा। वहीं कुछ ही दूर पर घंटाघर जो आजकल प्रदर्शन स्थल बन गया है, वहां पर प्रदर्शनकारी महिलाएं आज भी डटी हुईं मिलीं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए घंटाघर क्षेत्र को बैरेकेटिंग कर घेरा गया और सैकड़ों पुलिसकर्मियों को उनकी सुरक्षा में तैनात किया गया।
पुराने लखनऊ में जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह खुली दुकानों को स्थानीय पुलिस ने बंद कराया। वहीं तिराहों और चौराहों पर मोटरसाइकिल या अन्य वाहनों से घर से बाहर निकले लोगों को रोक कर वापस कर दिया गया। कर्फ्यू में तैनात पुलिसकर्मियों ने सिर्फ नगर निगम, पुलिस, मीडिया और अस्पताल से जुड़े वाहनों को ही कही भी जाने की अनुमति दी।
शहर के विभिन्न प्रार्थना केंद्रों पर भी जनता कर्फ्यू का असर दिखलायी पड़ा। टीेले वाली मस्जिद, दरियावाली मस्जिद, हरी मस्जिद, जामा मस्जिद समेत तमाम मस्जिदों के बाहर नमाज करने वाले नहीं पहुंचें। लोगों ने अपने घरों में ही नमाज की। वहीं चर्चो का भी हाल ऐसा ही रहा। सबसे बड़े कैथेड्रिल चर्च पर सन्नाटा पसरा रहा। शहर के प्रमुख मंदिरों को एक दिन पहले ही बंद कर दिया गया था, इसके लिए वहां कोई भी श्रद्धालु नहीं पहुंचा।
सीतापुर से लखनऊ में आकर जनता कर्फ्यू में फंसे अशोक और उनके साथियों ने हिंदुस्थान समाचार को बताया कि जनता कर्फ्यू के कारण उनको बसें नहीं मिल रही है। वे कैसरबाग बस अड्डा आये लेकिन यहां बस नहीं मिली तो चारबाग बस अड्डा गये। चारबाग बस अड्डा पर भी बस नहीं मिलने पर वापस कैसरबाग बस अड्डा लौट रहे हैं। शहर के कोई आटो भी नहीं चल रही है इसके लिए पैदल ही दौड़ना पड़ा रहा है।
इसी प्रकार चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े लोगों को भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जानकारी के अभाव में इम्तियाज और उनका परिवार गोंडा जाने के लिए घर से निकला था और चारबाग बस अड्डा पर बस के ना मिलने पर चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचकर परेशान होता हुआ मिला। जनता कर्फ्यू के दौरान केजीएमयू, सिविल अस्पताल के मरीज के परिजनों को कोई दिक्कत या परेशानी नहीं हुईं। उनको मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं मिली। वहीं मरीज के लिए दूध भी मिल सका।
दिल्ली में जनता कर्फ्यू से बाजार व मॉल खाली
नई दिल्ली । कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू के जरिए देशवासी पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं। कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए राजधानी दिल्ली में अधिकांश दुकान, बाजार, मॉल सब पर रविवार को ताला नजर आ रहा है। वहीं सड़कें भी सूनी हैं क्योंकि ज्यादातर लोग घरों में ही कैद हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सब कुछ बंद रहेगा और लोग घरों में रहेंगे।
वहीं देशभर के 60 हजार बाजार और 40 हजार व्यापारिक संगठनों के सात करोड़ व्यापारी तथा उनके 40 करोड़ कर्मचारी जनता कर्फ़्यू में अपनी दुकानें बंद करके जनता कर्फ़्यू में शामिल हैं। यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को कैट का पूरा समर्थन है।
खंडेलवाल ने कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान कोई भी कारोबारी गतिविधि नहीं होगी। कैट ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन भी घोषित किया जाए, जिससे इस संक्रामक बीमारी के सामूहिक संक्रमण से बचा जा सके। इस काम के लिए देशभर के व्यापारी सरकार के साथ मज़बूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में खाने-पीने के सामान की कोई कमी नहीं है। इसलिए बंद के दौरान दवा, किराना और दूध की आपूर्ति बनी रहेगी, लोग इसे लेकर अफरा-तफरी का माहौल पैदा न करें।