पृथ्वी दिवस पर दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट : द्वितीय वार्षिकोत्सव पर 5 हजार निराश्रित जीवों को मिली मदद

 

क़ुतुब अन्सारी

बहराइच l विश्व भर में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य समस्त पृथ्वी को वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से जोडना है परन्तु इस समय पूरा विश्व व पृथ्वी भयंकर कोरोना नामक आपदा से ग्रस्त है जिसके कारण समस्त पृथ्वी पर लाक डाउन की स्थिति जारी है तथा लोग अपने घरों में कैद हैं। जिसका प्रभाव निराश्रित बेजुबानो पशु पक्षियों पर पड रहा जो भोजन, पानी व आश्रय के लिए मनुष्यों पर ही निर्भर थे।
शहर के प्रकृति परिवार, ग्लोबल ग्रीन ग्रुप(थ्रीजी) ने अर्थ डे के अंतर्गत पडने वाली अपनी द्वितीय वर्षगांठ को इन्हीं बेजुबानो को समर्पित करते हुए लाक डाउन से जारी अपनी ‘जीव आपदा राहत प्रबंधन’ की सेवा के अंतर्गत लगभग 5 हजार निराश्रित जीवों को भोजन देने का आंकड़ा पूर्ण किया।

थ्रीजी के संयोजक अर्चित मिश्रा ने बताया कि हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे मनाया जाता है और इस बार यह अपने 50वें साल को पूर्ण कर रहा जिसके जश्न की तैयारी पूरे विश्व में जोरशोर से चल रही थी परंतु कोरोना वायरस के चलते जारी लाक डाउन होने से यह संभव नहीं हो पाया बल्कि इस दिन से प्रेरणा लेकर लोग एक दूसरे की इस विपदा में मदद कर रहे। परन्तु उन बेसहारा जीवों के लिए यह लाक डाउन विकट साबित हो रहा जो इंसानों पर निर्भर थे तथा उनके भूख व प्यास से मृत्यु का आंकड़ा बढ रहा।

इस साल बहराइच के प्रकृति परिवार(नेचर कम्युनिटी) ने अपनी दूसरी वर्षगांठ पर अपनी टीम थ्रीजी व एफएसएफ आदि के साथ मिलकर ‘जीव आपदा राहत प्रबंधन’ नामक कार्य की शुरुआत लाक डाउन से प्रारंभ की जिसके अंतर्गत अबतक 5000 जीवों को खाना पानी मुहैया कराया जा चुका है।

जिसमे गायों के लिए हरे चारे, अनाज, चोकर, भूसे इत्यादि तथा बंदरों के लिए फल, चने, मक्के एवं कुत्तों के लिए ब्रेड, दूध, रोटियां, पेडग्री आदि की व्यवस्था कराई जा रही।साथ ही जगह जगह नादो व पानी की व्यवस्था भी पशु पक्षियों के लिए कराई गई है जिससे उनकी प्यास बुझाने की समस्या दूर हो सके।

डीएफओ बहराइच मनीष सिंह ने कहा कि ‘इस आपदा की स्थिति में निराश्रित जीवों के प्रति नेचर कम्युनिटी का प्रयास सराहनीय है। अर्चित मिश्रा व उनकी टीम लगातार पर्यावरण संरक्षण का उत्कृष्ट कार्य कर रही।

इस साल अर्थ डे की थीम यूनाइटेड नेशन द्वारा ‘क्लाइमेट ऐक्शन’ रखी गई है। लाक डाउन के चलते पृथ्वी का वातावरण स्वच्छ हुआ है तथा प्रदूषण में काफी कमी आई है। हमे इससे प्रेरणा लेनी चाहिए तथा यह स्थिति यथावत बनाए रखना चाहिए।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

हिमाचल में तबाही, लापता मजदूरों की तलाश जारी न हम डरे हैं और न यहां से जाएंगे एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट