
रायबरेली। लॉक डाउन में घर पहुंचने की ऐसी ललक की एक युवक 1300 किमी की दूरी पैदल ही नाप डाली। 26 दिनों की कठिन सफर के बाद आखिर वह रविवार की रात अपने घर पहुंच गया। जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसका परीक्षण कर संस्थागत क्वारन्टीन किया है।
दअरसल सरेनी क्षेत्र दलगंजन का पुरवा निवासी वीरेंद्र अहमदाबाद में पेंटिंग का काम करता है।कोरोना के चलते जब लॉक डाउन घोषित हुआ और सभी काम धंधा बंद हो गया तो वह परेशान हो उठा। उसने किसी तरह घर जाने की जुगत निकालनी शुरू कर दी। कोई रास्ता न निकलने पर उसने लखनऊ निवासी एक साथी को तैयार किया और पैदल ही घर की राह पकड़ ली।
वीरेन्द्र के अनुसार वह करीब 50-70 किमी रोज पैदल चलता था। थक कर कहीं सो जाता था। खाने की बाबत उसने बताया कि कोई दिक्कत नहीं हुई। रास्ते भर लोग बुला बुलाकर खाना देते रहे। पूरा सफर उसने 26 दिन में पूरा कर लिया। वीरेन्द्र अब घर पहुंच कर बहुत खुश है लेकिन अब उसे 14 दिन और परिजनों से दूर रहकर बितानी पड़ेगी।
वीरेन्द्र की आने की जैसे ही सूचना मिली लोगों ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी।अब वीरेन्द्र का परीक्षण कर सरेनी के शहीद इंटर कालेज में क्वारन्टीन किया गया है।
पेन किलर के सहारे तय किया सफ़र
वीरेन्द्र ने अहमदाबाद से घर तक का सफ़र पेन किलर टेबलेट खा खाकर पूरा किया। इस दौरान उसने क़रीब 30 गोलियां खा ली। जब भी उसे दर्द होता वह दवा खा लेता। वीरेन्द्र ने बताया कि जब वह राजस्थान पहुंचा तो उसकी चप्पल घिस गई और चलने में बहुत दिक्कत हो रही थी। रास्ते में एक पुलिस वाले से यह समस्या उसने बताई जिसने उसे एक जोड़ी चप्पलें दिलाई। वीरेन्द्र घर पहुँचकर बहुत खुश है और उसके अनुसार इस खुशी के आगे सफ़र का कष्ट कुछ भी नहीं।