पुलिस ने फर्जीवाड़े में शामिल हैदराबाद निवासी थाले शेट्टी सुधाकर (इंजीनियर) और रमेश जोशी (सेवानिवृत हवलदार) को गिरफ्तार कर लिया है. डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया की आरपीएफ के एएससी विशोक गुप्ता ने संसद मार्ग पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि रेलवे मंत्रालय में शिकायत मिली है, जिसके अनुसार रेल मंत्री के लेटर हेड पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उसका दुरुपयोग किया गया है. इसके अलावा मल्लिकार्जुन वाडला के नाम पर बने जोनल रेलवे यूजर कंसल्टेटिव कमेटी के सदस्य कार्ड पर भी फर्जी हस्ताक्षर हैं.
10 लाख रुपये में बनवाये दस्तावेज
इस शिकायत पर संसद मार्ग पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरु की. थानाध्यक्ष वेद प्रकाश की देखरेख में एक टीम को सिकंदराबाद भेजा गया जहां मल्लिकार्जुन वाडला से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान यह साफ हो गया कि उसने यह फर्जी लेटर हेड तैयार करवाया था. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. उसके पास से असली दस्तावेज भी बरामद हो गए.
मल्लिकार्जुन ने पुलिस को बताया कि उसने इस काम के लिए 10 लाख रुपए थाले शेट्टी सुधाकर को दिए थे. उसने यह दस्तावेज उसे दिए थे. उसने अपने एक दोस्त से मंत्रालय जाकर इन दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए कहा था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हैदराबाद से थाले शेट्टी सुधाकर को गिरफ्तार कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि 10 लाख रुपये में से 9 लाख उसने पीतम पूरा निवासी रमन जोशी को दिए थे. उसने ही यह दस्तावेज तैयार किये थे. इस जानकारी पर पुलिस ने रमन जोशी उर्फ रमेश चंद्र जोशी को गिरफ्तार कर लिया.
एक आरोपी इंजीनियर तो दूसरा सेना का पूर्व जवान
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि थाले शेट्टी एक सिविल इंजीनियर है और हैदराबाद में अपनी कंपनी चलाता है. वहीं दूसरा आरोपी रमेश जोशी सेना का सेवानिवृत हवलदार है. वह 2012 में सेवानिवृत्त हो गया था. इसके बाद से वह प्राइवेट काम कर रहा था. थाले शेट्टी लगभग दो साल पहले एक टेंडर को लेकर दिल्ली आया था. उसी समय रेल मंत्रालय के पास दोनों की मुलाकात हुई.