कोरोना वायरस से संक्रमित महिलाएं अपने बच्चों को बिना किसी डर के अपना दूध पिला सकती हैं और उनके दूध के जरिए बच्चों में कोरोना वायरस फैलने का खतरा नहीं होता है।
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने विश्व स्तनपान दिवस के मौके पर ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी है और अधिकारियो को इस संबंध में सभी मांओं को आश्वस्त करने को कहा है। मंत्रालय के अनुसार, स्तनपान बच्चे को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान नहीं होता कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन
मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है कि अभी तक एमनियोटिक फ्लुड और स्तन के दूध में कोरोना वायरस नहीं पाया गया है, जिसका मतलब है कि वायरस प्रेग्नेंसी या स्तनपान के दौरान नहीं फैलता है। इसमें कहा गया है कि अगर मां कोरोना वायरस से संक्रमित है तो भी स्तनपान बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमित महिलाएं पहले की ही तरह बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं।
स्तनपान के दौरान रखनी होंगी ये सावधानियां
मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मांओं के लिए कुछ गाइडलाइंस भी जारी की हैं, जिनका उन्हें अपने बच्चों को स्तनपान कराते वक्त पालन करना होगा।
इनमें मांओं को बच्चों के संपर्क में आने से पहले और बाद में साबुन या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से हाथ धोने की सलाह दी गई है। बच्चों को बाकी खाना एक कप की मदद से खिलाने और कप, बोटल आदि को छूने से पहले साबुन से हाथ धोने को कहा गया है।सांस संबंधी हाइजीन का ध्यान रखने की भी सलाह
मांओं को स्तनपान कराते वक्त सांस संबंधी हाइजीन का ध्यान रखने की सलाह भी दी गई है। अगर सांस लेने में किसी तरह की समस्या आ रही है तो बच्चे के पास मास्क पहनने को कहा गया है। मंत्रालय ने जमीन पर काम करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत बच्चों का स्तनपान जारी रखने के लिए सभी मांओं को आश्वस्त करने को कहा है।
कुछ महिलाओं को पड़ सकती है स्तनपान के समय अतिरिक्त सहयोग की जरूरत
मंत्रालय ने ये भी कहा है कि कोरोना वायरस से उबर रही कुछ महिलाओं को अपने शिशुओं को स्तनपान कराते वक्त अतिरिक्त सहयोग की जरूरत पड़ सकती है। पदाधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसी महिलाओं की मदद करने को कहा गया है।
पुणे में सामने आया था प्रेग्नेंट मां से बच्चे में संक्रमण फैलने का मामला
बता दें कि महिला और विकास मंत्रालय की तरफ से ये बातें ऐसे समय पर कही गई हैं जब चंद दिन पहले ही पुणे के एक अस्पताल ने प्रेग्नेंट महिला से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का दावा किया है।
डॉक्टर्स के अनुसार, डिलीवरी से पहले मां कोरोना वायरस नेगेटिव थी, लेकिन जन्म लेने पर उसकी बच्ची को पॉजिटिव पाया गया। बाद में टेस्ट करने पर मां में एंटीबॉडी मिलीं।