
कुतुब अंसारी
बहराइच l शहीदाने कर्बला की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का त्यौहार वैश्विक महामारी करोना के लिये जारी की गई गाइड लाइन की वजह से इस बार नही मनाया जा रहा है, मोहर्रम का चाँद निकलने के बाद सुनाई देने वाली या हुसैन की सदा भी इस बार सुनने को नही मिल रही है। इस मौके पर बहराइच में 7 मोहर्रम को निकलने वाला पारम्परिक दुलदुल का जुलूस भी नही निकाला जा सका है, मालूम हो कि लगभग 350 सालों से शहर के नाजिरपुरा स्थित दुलदुल हाउस से मोहर्रम की 7 तारीख को शाम को दुलदुल का जुलूस निकाला जाता रहा है जिसमे हजारों की तादाद में सभी धर्मों के अकीदत मन्द लोग शामिल हुआ करते थे और ये जुलूस 7 मोहर्रम की शाम को निकल कर शहर में विभिन्न इलाकों में घूमता हुआ 9 मोहर्रम की सुबह 3 से 4 बजे के करीब अपने मुकाम पर वापस हुआ करता था लेकिन आज एक नया इतिहास बनाते हुए इस बार सरकार की जानिब से लागू की गई गाइड लाइन की वजह से ये नही निकल सका जिससे लोगों में काफी मायूसी देखी जा रही है।
आज दसवीं मोहर्रम के दिन इस दुलदुल हाउस में जिस तरह हजारों का हुजूम उमड़ता था वहां आज वीरानगी सी छाई हुई है। इस बार कोरोना की वबा की वजह से बीते दिनों में सम्पन्न होने वाले सभी त्यौहार स्थगित कर दिये गये थे और उसी तरह मोहर्रम को भी प्रतिबंधित करते हुये किसी किस्म के जुलूस,ताजियेदारी और मजलिसों का आयोजन भी नही किया जा सका है जिले की कर्बला और इमाम्बाडों में भी ताले लटकते देखे जा रहे है और लोग अपने अपने घरों में रह कर अपने कुनबे के साथ मोहर्रम मनाने पर मजबूर हो रहे है।वाज़े रहे कि पैगम्बर ए इस्लाम रसूल ए खुदा हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ये मोहर्रम मनाया जाता है
जो कि चाँद निकलने के साथ ही इसकी शुरुआत हो जाती है जिसमे लोगों के घरों इमामबाडों और दीगर मुकामों पर मजलिसें और ताजियेदारी के आयोजन होते थे बहराइच में इन आयोजनों के अलावा दुलदुल का भी जुलूस निकाला जाता था जो पिछले लगभग 350 सालों से बराबर निकलता आ रहा था लेकिन आज पहली बार ये नही निकल सका। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी पुलिस बल लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए मुस्तैद है बहराइच शहर के अलावा नानपारा में भी मोहर्रम का जुलूस और अन्य कार्यक्रम नहीं हो सके नानपारा में भी सरकार की गाइड लाइन का पूरा पालन हो रहा है जगह-जगह पुलिस पिकेट लगा हुआ है नानपारा का इनाम गंज चौराहा जहां पर दसवीं मोहर्रम के दिन पंद्रह बीस हजार की भीड़ हुआ करती थी वहां बस पूरी तरह सन्नाटा पसरा है कब्रिस्तान पर भी सन्नाटा है नवाबगंज संवाददाता के अनुसार बाजार ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं पर भी मोहर्रम का जुलूस नहीं निकल सका है जगह-जगह पुलिस मुस्तैद है सरकार की गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है l
बाबागंज संवाददाता के अनुसार बाजार में और ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूरी तरह से सरकार की गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है और मोहर्रम नहीं हो सका लोगों ने घरों में ही इमाम हुसैन को अकीदत पेश की l मोतीपुर तहसील संवाददाता के अनुसार सरकारी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है और मुहर्रम पर कोई कार्यक्रम नहीं हो सका शनिवार को कुछ घरों में ताजिया रखने की सूचना मिली थी जिस पर मुर्तिहा पुलिस ने कार्यवाही की है l