
ये बात तो सभी को अच्छे से पता है कि हर सिख पुरुष को धार्मिक तौर पर कड़ा पहनना बहुत जरुरी होता है. सिख पुरुषों के अलावा बात की जाए दूसरे धर्मों के पुरुषों की तो, दूसरे धर्मों के पुरुष भी अब हाथों में कड़ा पहनने लग गए है , लेकिन आपको ये बात जानकार जरुरी हैरानी होगी कि पुरुषों के हाथों में कड़ा पहनना धार्मिक महत्व के अलावा वैज्ञानिक महत्व भी रखता है. तो चलिए आज हम आपको पुरुषों के कड़ा पहनने के धार्मिक महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं. इसके साथ आपको ये भी बतायेंगे की पुरुषों को किस धातु का कड़ा पहनना चाहिए और क्यों?
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को मनुष्य के मन का कारक कहा जाता है. ये हर समय हमारे मन को चंचल रखने की कोशिश करता है और इसी वजह से चांदी को चन्द्रमा की धातु माना जाता है. चांदी के कड़े को हाथ में पहनने से पुरुषों को होने वाली बहुत सी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा उनके अंदर चन्द्र ग्रह से जुड़े हुए जितने भी दोष होते हैं, वो भी चांदी के कड़े को पहनने से खत्म हो जाते हैं.
जो व्यक्ति बहुत बार बीमार पड़ता है उसको अपने सीधे हाथ में अष्टधातु से बना हुआ कड़ा पहनना चाहिए. इस धातु का कड़ा पहनने से बार-बार होने वाली बीमारियों से निजात मिलती हैं, लेकिन बीमार इंसान को अष्टधातु से बना हुआ कड़ा पहनने से पहले कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है.
अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते, तो आपको भारी परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. अष्टधातु से बना हुआ कड़ा मंगलवार को ही बनवाना चाहिए. किसी भी शनिवार के दिन बनवाए हुए कड़े को लेकर हनुमान जी के मंदिर जाए और फिर कड़े को हनुमान जी की मूर्ति के पैरों पर रख दे. इसके बाद कड़े पर थोड़ा सा सिंदूर लगाए और हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कड़े को बीमार इंसान के सीधे हाथ में पहना दे.