बरेली में आला हज़रत 102 वां उर्से रज़वी का आगाज़ 12 अक्टूबर से, पोस्टर जारी

मुनीब हुसैन

सुन्नी बरेलवी मसलक के मुस्लिम धर्मगुरु इमाम अहमद रज़ा खाँ फ़ाज़िले बरेलवी (आला हजरत) का 102वां साला उर्स-ए-रज़वी का आगाज 12 अक्टूबर से होने जा रहा है। जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा की तरफ से मदरसा जामियातुर रज़ा मथुरापुर और खानकाह ताजुशारिया में होने वाले उर्स-ए-रज़वी का पोस्टर ऑनलाइन सोशल मीडिया पर जारी किया गया और साथ ही 12 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले तीन दिन के कार्यक्रम का भी एलान कर दिया गया। उर्स के सभी कार्यक्रम खानकाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काजी-ए-हिन्दुस्तान जानशीने ताजुश्शरिया मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खाँ कादरी की सरपरस्ती और जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मिया की निगरानी में होंगे।

जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया 102वां उर्स-ए-रज़वी का पोस्टर ऑनलाइन जारी किया गया है। चूंकी इस बार कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी की महामारी पूरे विश्व भर में फैली हुई है। इस बार उर्स-ए-रज़वी का कार्यक्रम बरेली साहित विश्व भर में ऑनलाइन होगा। कोरोना महामारी को देखते हुए तीन रोज़ा उर्स-ए-रज़वी बड़ी सादगी के साथ मदरसा जामियातुर रज़ा मथुरापुर और खानकाह ताजुश्शरिया पर मनाया जाएगा। ईमेल के जरिये देश और विदेश में भी पोस्टर भेजे गए है। मौजूदा हालात के पेशे नज़र इस साल 102वां उर्स-ए-रज़वी कुछ लोगो की ही मौजूदगी में फ़ातिहाख्व़ानी के तौर पर मनाने का फैसला किया गया है। लिहाज़ा 102वां उर्स-ए-रज़वी अपने-अपने घरों, इलाकों में ही फ़ातिहाख्वानी का एहतिमाम करें और पोस्टर में दिये गए लिंक पर तीन दिन के कार्यक्रम की ओडियो लाइव प्रसारण सुन सकेंगें। हर साल उर्स-ए-रज़वी में लाखों की तादात में जायरीन मुल्क ही नही विश्व भर के कोने कोने से शिरकत करने बरेली आते थे। इस बार कोरोना के चलते जायरीनो का आना मुस्किल है। ऐसे में ऑनलाइन उर्स मनाने का फैसला लिया गया।102वां उर्से रज़वी का आगाज़ 12 अक्टूबर से, पोस्टर जारी

उर्स-ए-रज़वी का 12 से 14 अक्टूबर तक का कार्यक्रम
12 अक्टूबर बरोज़ पीर खानकाह ताजुश्शरिया पर बाद नमाज़-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत के बाद इब्राहीम रज़ा खाँ (जिलानी मिया) का सुबह 07:10 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। रात को बाद नमाज-ए-इशा नात-ओ-मनकबत व तकरीर उलमा-ए-इकराम के बाद हुज्जातुल इस्लाम हामिद रज़ा खाँ (हामिद मिया) का रात को 10:35 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।

13 अक्टूबर बरोज़ मंगल खानकाह ताजुश्शरिया व मदरसा जामियातुर रज़ा मथुरापुर में बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी, नात-ओ-मनकबत के बाद नमाज-ए-मगरिब हुजूर ताजुश्शरिया के कुल शरीफ की रस्म 07:14 मिनट पर अदा की जाएगी। रात को बाद नमाज-ए-इशा इमाम अहमद रज़ा काँन्फ्रेंस, देर रात को 01:40 मिनट पर हुजूर मुफ्ती आज़म हिन्द (मुस्तफ़ा रज़ा खाँ) की कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।
14 अक्टूबर बरोज़ बुध खानकाह ताजुश्शरिया व मदरसा जामियातुर रज़ा मथुरापुर में बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी, नात-ओ-मनकबत के बाद तकरीर मशहूर उलमा-ए-इकराम व मशाईख-ए-किराम के बाद दोपहर 2:38 मिनट पर इमाम अहले सुन्नत सरकार आला हज़रत का कुल शरीफ मनाया जाएगा। इसी के साथ तीन रोज़ा उर्स का समापन हो जाएगा ।

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