मनरेगा योजना से जिले के श्रमिकों के चेहरों मुस्कान लाने के प्रयास

*कोरोना संकट के दौरान मनरेगा के  श्रमिकों को 75.34 करोड़ का भुगतान।*

अमेठी। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा  जिले में श्रमिकों को सम्बल प्रदान करने के साथ ही प्रवासी श्रमिकों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम कर रही है। कोविड-19 के बीच शुुरू हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत माह अप्रैल से अब तक 1016120 मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है जिसमें जिले के 18145 प्रवासी श्रमिक परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजनान्तर्गत 75.34 करोड़ रूपए का व्यय श्रमिकों के भुगतान में किया गया है।

जिलाधिकारी  अरुण कुमार ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के बीच मनरेगा योजनान्तर्गत जिले में विभिन्न विकास कार्यों को कराया जा रहा है तथा इस दौरान प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराकर बेरोजगारी दूर करने में नया आयाम स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष का प्रारम्भ कोरोना वैश्विक महामारी के बीच शुरू हुआ। बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने जनपद को वापस लौटे।

ऐसी स्थिति में उनके सामने रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया था। शासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों की इस समस्या का निदान करने हेतु निर्देश दिए गए। रोजगार के संकट की चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला स्तर पर प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा योजना से जोड़ा गया और जिले के 18145 प्रवासी श्रमिक परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत 9513 कार्य शुरू कराए गए हैं जिनमें से 5762 कार्य  शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में 1468 तालाब, 1235 वृक्षारोपण कार्य,  80 कैटल शेड,  11 गोट शेड,  14 वर्मी कंपोस्ट पिट, 13 फार्म पॉन्ड, 235 ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं  तथा 512 सामुदायिक शौचालय एवं 91 पंचायत भवन  वर्तमान में निर्माणाधीन है।