भक्ति का पद पाने वाला ही मुक्ति का हकदार: संजीव अग्रवाल
भास्कर समाचार सेवा
बिजनौर। संत निरंकारी मंडल ब्रांच बिजनौर के संत निरंकारी सत्संग भवन पर विशाल सत्संग का आयोजन किया गया। बरेली जोन 58 एके जोनल इंचार्ज संजीव अग्रवाल ने गुरु गद्दी से साध संगत को निहाल करते हुए कहा कि जिसकी भक्ति उसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है। हमें प्रभु को जानकर भक्ति करनी है। हमें अपने जीवन में सहज अवस्था अपनानी है। जब हम अपने जीवन में सहज अवस्था को अपना लेंगे तो हमारे जीवन में आनंद ही आनंद होगा और हमें परमानंद की प्राप्ति होगी और जब हम सहज अवस्था अपनाकर भक्ति में लग जाते हैं तो हमारा बेड़ा पार हो जाता है।
जोनल इंचार्ज संजीव अग्रवाल ने कहा कि मुक्ति का हकदार वही है जो भक्ति का पद पाता है हमें सद्गुरु द्वारा बताए गए पांचों प्रण का पालन करना चाहिए तन मन धन निरंकार प्रभु का है हमें इसका अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि रावण कंस वह हिरण्यकश्यप को उनका अहंकार ही ले डूबा था और तो और स्वयं नारद मुनि भी अहंकार से नहीं बच पाए इसीलिए हमें हमेशा अहंकार से बचना है जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि है मैं नहीं अर्थात जब तक हमारे अंदर अहंकार की भावना रहेगी तो हमें हरि की प्राप्ति नहीं होगी और जब हम मैं को मिटा देते हैं तो हमें हरी अर्थात नारायण की प्राप्ति हो जाती है। नर सेवा नारायण सेवा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के जितने भी वचन आ रहे हैं हमें उन को मानकर भक्ति करनी है तभी हमारा बेड़ा पार होगा हम भवसागर से पार हो जाएंगे अर्थात हमें लख चौरासी के बंधन से मुक्ति मिल जाएगी और हम आवागमन के बंधन से मुक्त हो जाएंगे और हमें मोक्ष की प्राप्ति होगी जो मानव मात्र का एकमात्र उद्देश्य है। यह निरंकार प्रभु परमात्मा हमेशा हमारे अंग संग है और हमारी रक्षा कर रहा है निरंकार का साकार रूप सद्गुरु होते हैं जो इस समय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हैं उनसे जो हमें ब्रह्म ज्ञान मिला है वह बहुत ही उच्च कोटि का है और हमारा बेड़ा पार करने वाला है। ज्ञान कर्म में ढल जाए तो भक्ति का सिंगार है वरना जीवन बेकार है। जब तक ज्ञान उपयोग में व्यवहार में नहीं लाया जाएगा तब तक कुछ भी सही नहीं होने वाला हमें सदैव सेवा सत्संग में सुमिरन करते रहना चाहिए तभी हमारा भला होगा हमें जो सेवा मिली है उस जिम्मेदारी को सेवा समझकर निभानी चाहिए। कामी क्रोधी लालची इनसे भक्ति न होय भक्ति करे कोई सूरमा जाति वरन कुल खोय अर्थात यह भक्ति कोई सूरमा ही कर सकता है हर एक के बस की बात नहीं। हमें अपनी मैं को मिटाना पड़ता है अगर हमें सद्गुरु के भाने में रहना आ गया तो हमारा कल्याण ही कल्याण होगा। हमें आपस में बहुत ही प्यार और सद्भाव के साथ रहना चाहिए जिसने हमें कला बख्शी है उन्हें कलाकारी नहीं दिखानी चाहिए हमें हमेशा गुरु मत में रहना चाहिए मन्मथ में नहीं मन मत डुबो देती है और गुरु मत हमारा कल्याण कर देती है। हमारे जीवन में हमेशा शुकराने का भाव रहना चाहिए गिले-शिकवे का नहीं। हमें प्रभु परमात्मा का हर पल शुक्रिया अदा करते रहना चाहिए हर हाल में शुक्र मनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोई तन दु:खी कोई मन दु:खी कोई धन से है उदास थोड़े-थोड़े सभी दु:खी सुखीराम के दास अर्थात राम के मानने वाले कभी भी उदास नहीं होते उनके जीवन में सुख ही सुख मिलते हैं सत्संग सब सुखों की खान है सत्संग के लिए देवी देवता भी तरसते हैं क्योंकि हमें मुक्ति केवल मनुष्य योनि में ही मिलती है अन्य योनि में नहीं जो गुरु के प्यारे होते हैं वह पर्वत को भी लाभ जाते हैं वर्षा व आंधियां भी उनका रास्ता नहीं रोक सकते हैं। भक्त तो हर हाल में खुश रहता है हमें अपने सतगुरु पर पूर्ण विश्वास करते हुए अपने सद्गुरु के आगे हमेशा नतमस्तक रहना चाहिए सत्संग में आकर भी जितने वचनों का पालन नहीं किया वह आप गुणों से ही भरा रहेगा हमें कई बार अहम का चश्मा लग जाता है अर्थात हमारे अंदर अहंकार का वास हो जाता है तो हम प्रभु परमात्मा से दूर हो जाते हैं।
महात्मा डीके सागर के संचालन में हुए सत्संग में बिजनौर ब्रांच के संयोजक महात्मा बाबूराम निरंकारी, संचालक विनोद कुमार एडवोकेट, मीडिया प्रभारी भूपेंद्र निरंकारी पत्रकार, शिक्षक आदित्य सोनू, चांदपुर ब्रांच के मुखी महात्मा डॉक्टर केपी सिंह चौहान, हल्दौर ब्रांच के मुखी महात्मा महेंद्र कुमार शर्मा, धामपुर ब्रांच के मुखी भीम सिंह एडवोकेट, धामपुर ब्रांच के संचालक रामकुमार रामानंद सागर, पत्रकार प्रभात सिंह धामपुर, अफजलगढ़ ब्रांच के संचालक वीर सिंह, अकाउंटेंट संदीप सिंह राकेश, सेवादल नूरपुर ब्रांच के संयोजक महात्मा राजपाल सिंह, संचालक लोकेंद्र सिंह, नहटौर ब्रांच के मुखी कुशल पाल शर्मा, किरतपुर ब्रांच के मुखी हुकम सिंह, शिक्षक मोहित कुमार चौधरी, खानपुर ब्रांच के मुखी कैलाश सिंह, कालागढ़ से ज्ञान प्रचारक महात्मा डॉ राजेंद्र कुमार, चंदक ब्रांच के प्रचारक महात्मा मुकेश सिंह, बरेली जोन के क्षेत्रीय संचालक पवन कुमार, मदन पाल सिंह, राजवीर सिंह, रूपा सिंह, चौधरी चंद्रपाल सिंह सिकंदरी, अजय कुमार, दीपक शर्मा, दीपक, अवनीत, आशु, सुशीला ट्यूबेल कॉलोनी, निरंकारी कॉलोनी कल्पना, वर्षा, दीपा, प्रियांशी, गीता, पारुल, शिक्षिका कलावती, अश्विंदर कौर, आशु, सर्वेश, वंदना, खुशी, नेहा, पुष्पा, कविता, बृजेश सागर एडवोकेट, अक्षय सागर अकाउंटेंट, सुरेंद्र पाल लकी, शंकर, पूर्व संचालक कृपाल सिंह त्यागी, मनोज सिंह कैशियर, अंजलि, गीता, संध्या, आशीष, गोलू, राज, कुल, ध्रुव, आर्यन, कार्तिक कुमार, गीता, लावण्या सहित निरंकारी मिशन के अनेक अनुयाई उपस्थित रहे। इस दौरान महात्मा सर्वेश वंदना ने अपने बेटी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में साध संगत को लंगर कराया। उन्होंने सभी की पूरे आदर भाव से सेवा की, जिसको सभी ने सराहा।
इस अवसर पर सेवादल के संचालक विनोद कुमार एडवोकेट, शिक्षक आदित्य सोनू, शिक्षिका कलावती के नेतृत्व में सेवा दल के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। इस दौरान उन्होंने पूरी तरह व्यवस्था व अनुशासन को बनाए रखा। अंत में संयोजक महात्मा बाबूराम निरंकारी ने जोनल इंचार्ज संजीव अग्रवाल क्षेत्रीय संचालक पवन कुमार व उपस्थित सभी अतिथियों वह निरंकारी मिशन के अनुयायियों का आभार व्यक्त किया
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