भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने का प्रस्ताव पेश होने के साथ ही आप में घमासान तेज हो गया है. एक ओर बागी तेवर अपनाते हुए अलका लांबा ने साफ कहा है कि प्रस्ताव में राजीव गांधी से भारत सम्मान वापस लेने की बात पहले से छपी थी. अलका का दावा है कि उन्होंने प्रस्ताव का विरोध करते हुए वॉक आउट किया जिस कारण उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया. उनके इस कदम का कांग्रेस से समर्थन मिल रहा है. फिलहाल इस प्रकरण पर जोरदार उतार-चढ़ाव दिखा. इस बीच एक बड़ी खबर आ रही
अलका लांबा- मैं इस्तीफा नहीं दे रही
प्रवक्ता ने बताई पूरी बात
पार्टी के प्रवक्ता सौरभ द्विवेदी ने कहा, ‘दो दिन का सत्र था, उसी के शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन में सबसे आखिर में जरनैल सिंह जी ने अपनी बात रखी। जरनैल सिंह से पहले सोमनाथ भारती अपना वक्तव्य रख रहे थे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के बारे में कुछ वाक्य कहे। रेजॉलूशन पढ़ने से पहले सभी विधायकों को दिया जाता है। यही वह रेजॉलूशन ऑन द टेबल कहा जाता है। उसमें राजीव गांधी के बारे में कोई वाक्य नहीं था। सोमनाथ भारती ने उसमें सोमनाथ भारती ने पैन से पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में एक वाक्य लिख दिया। और उसे जरनैल सिंह को दे दिया। जरनैल सिंह ने सोमनाथ भारती की लिखी लाइन को भी रेजॉलूशन के साथ पढ़ दिया। कोई सदस्य अलग रेजॉलूशन लाता है तो स्पीकर उस पर वोट कराते हैं। राजीव गांधी के बारे में जो लाइन है, वह हमारे ऑरिजनल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था।’
बता दें कि दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने का प्रस्ताव पेश होने पर आम आदमी पार्टी (AAP) अंदर और बाहर, दोनों तरफ से घिर गई है। पार्टी और सरकार के भीतर प्रस्ताव को लेकर अलग-अलग तरह के दावे किए जा रहे हैं। एक तरफ बागी तेवर अपनाती दिख रहीं अलका लांबा का कहना है कि प्रस्ताव में राजीव गांधी से भारत सम्मान वापस लेने की बात पहले से छपी थी, जबकि विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल का कहना है कि मूल प्रस्ताव में राजीव गांधी का जिक्र नहीं था और विधायक जरनैल सिंह ने भावावेश में आकर हाथ से यह लिखा था।
इस बीच विधानसभा की कार्यवाही के एक वायरल विडियो में गोयल राजीव गांधी विरोधी प्रस्ताव पास को स्वीकार करते दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजीव गांधी पर केजरीवाल सरकार यू-टर्न ले रही है या फिर अलका लांबा का दावा ही खोखला है।