स्टरलाइट पावर के अधिकारियों के मुताबिक, सरकार अगले 18 महीनों में 150,000 करोड़ रुपये की पारेषण परियोजनाओं के लिए आमंत्रित कर सकती है निविदाएं

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली। स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को उम्मीद है कि भारत सरकार अगले 18 महीनों में 150,000 करोड़ रुपये की बिजली ट्रांसमिशन इन्फ्रा परियोजनाओं के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) बोलियाँ आमंत्रित कर सकती है। इससे अक्षय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी को एकीकृत करने के लिए नई बिजली लाइनों और हरित ऊर्जा गलियारों के निर्माण में तेजी आ सकेगी। सरकार जबरदस्त तरीके से अक्षय क्षमता के निर्माण पर जोर दे रही है और 2030 तक स्वच्छ बिजली उत्पादन क्षमता को मौजूदा 175 गीगावाट से बढ़ाकर 500 गीगावाट तक करने का लक्ष्य है।
शेयरधारकों को अपने नवीनतम त्रैमासिक संचार में, स्टरलाइट पावर ने सूचित किया कि दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीनों के लिए कंपनी का राजस्व वर्ष दर वर्ष आधार पर 37% बढ़कर 4,784 करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि के दौरान एबिटा 8% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि के साथ लगभग 950 करोड़ रुपये हो गया। इसी अवधि के लिए नकदी की स्थिति 4.8 गुना बढ़कर 1,047 करोड़ रुपये हो गई है। सकारात्मक विकास को देखते हुए, कंपनी ने शेयरधारकों के लिए प्रति शेयर 1 रुपये का अंतरिम डिविडेंड भुगतान की घोषणा की है।
स्टरलाइट पावर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “भारत सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन को जोड़ने हेतु नई विद्युत पारेषण लाइनों के निर्माण के लिए दिसंबर 2022 में 2,44,000 करोड़ रुपये की बहु-वर्षीय योजना शुरू की, क्योंकि सरकार का लक्ष्य 2030 तक स्वच्छ-ऊर्जा क्षमता को लगभग तीन गुना करना है। हमें उम्मीद है कि अभी से लेकर वित्त वर्ष’25 की पहली तिमाही के बीच कुल 150,000 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से लगभग 60-65% के लिए निविदा शुरू हो जाएगी, चूंकि सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने एवं फिर परियोजनाओं के निर्माण में और 4-5 साल लगेंगे। भारत की अग्रणी ट्रांसमिशन कंपनियों में से एक के रूप में, हम बोली प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक हैं और हम टीबीसीबी बाजार में अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा 31% से आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।”
उक्त अधिकारी ने कहा कि ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर जोर देने से कंपनी की सभी व्यावसायिक लाइनों के लिए ऑर्डर बुक पर एक महत्वपूर्ण, बहु-वर्षीय प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया, “न केवल हमारे लिए, बल्कि आने वाले वर्षों में हमारे पूरे उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर है और हम पूरे देश में विश्व स्तरीय ट्रांसमिशन कॉरिडोर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
स्टरलाइट पावर ने हाल ही में गुजरात में 5,000 मेगावाट की क्षमता वाली एक प्रमुख हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना, लकड़िया-वडोदरा ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट लिमिटेड (एलवीटीपीएल) चालू की है। गुजरात के सात जिलों में फैले 812 टावरों के साथ, यह पावर ट्रांसमिशन कॉरिडोर आज तक भारत में निर्मित सबसे बड़े पावर ट्रांसमिशन कॉरिडोर में से एक है। इसने लगभग ₹1,497.5 करोड़ के उद्यम मूल्य पर इंडीग्रिड को अपनी केटीएल संपत्ति की बिक्री भी पूरी कर ली है।

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