सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घायलों को भर्ती नहीं करने के मामले में सफाई कर्मचारी के खिलाफ की कार्रवाई, जिम्मेदार डॉक्टर इमरजेंसी स्टाफ को बचाया

भास्कर समाचार सेवा

मुरादनगर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घायलों को इलाज के लिए गेट न खोलने पर विभागीय अधिकारियों ने सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई कर अपने गले में ही मरा हुआ सांप डाल लिया है। लोगों का कहना है कि इमरजेंसी का गेट हर समय खुला रहना चाहिए और यदि किसी कारणवश बंद भी किया जाता है इमरजेंसी में डॉक्टर वार्ड बॉय आदि की भी ड्यूटी होती है ।जब लोग घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे उन्होंने काफी देर तक गेट पीटा लेकिन इमरजेंसी स्टॉप सोता रहा या फिर मानवता को एक तरफ रख अनदेखी करता रहा। लोगों का कहना है कि इसमें सफाई कर्मचारी की क्या गलती है सफाई कर्मचारी सिर्फ सफाई के लिए होता है उसके खिलाफ कार्रवाई कर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर स्टाफ को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ।बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया गया था जिसमें कुछ लोग अस्पताल का दरवाजा पीट रहे थे और साथ ही एंबुलेंस में घायल लोग भी थे ।लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद गेट नहीं खुला रैपिड रेल एन आर सी टी सी के कर्मचारी घायल हो गए थे उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल न खुलने के कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा वायरल हो रही वीडियो अधिकारियों तक भी पहुंची तब उन्होंने इसका संज्ञान लिया और जांच में पाया गया कि घायलों को अस्पताल लाया गया था और यहां उन्हें चिकित्सा सुविधा नहीं मिली। लोगों का कहना है कि ओपीडी समय में भी मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों ने कई बार स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से इस बारे में शिकायतें भी की हैं ।लेकिन अस्पताल की व्यवस्था कोई सुधारने के लिए तैयार नहीं है। जिन लोगों का दोष है उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई एक सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई कर विभाग अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है ।और जिनकी जिम्मेदारी थी उन्हें बचा रहा है। इस बारे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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