मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से 37 हजार सुअरों की मौत

नई दिल्ली। देश में अभी लोग कोरोना के संकट से गुजर रहे हैं, तो वहीं देश के नॉर्थ-ईस्ट के कई राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मिजोरम की राज्य सरकार ने इसे ‘राज्य आपदा’ बताया है। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर घोषणा करना बाकी है। इस बीमारी के चलते अब तक 37,000 से अधिक सुअर मौत का शिकार हुए हैं।

राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री डॉ के बिछुआ ने बताया कि सीएम जोरमथांगा ने प्रकोप को राज्य आपदा घोषित करने की मंजूरी दे दी है। वहीं अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही एक आधिकारिक सूचना जारी की जाएगी। इस बीमारी से राज्य के सात जिलों के 50 से अधिक गांव प्रभावित हैं। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है।

इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं। इस बीमारी को पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था। इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है और इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है। वहीं जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सूअरों के मांस का सेवन करते हैं उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं। 25 मई को जारी पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि मार्च, 2021 से इस बीमारी के कारण 37, 000 से अधिक सूअरों की मौत हो गई है। इसके चलते लोगों को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान हुआ है। प्रकोप को और फैलने से रोकने के लिए कम से कम 14,174 सुअरों को मार दिया गया है।

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