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– लाइट पांच हजार की तो बिल तीस हजार का – कृष्ण प्रताप सिंह चैहान सभासद
मुकेश चतुर्वेदी/अनिरूद्ध दुवे
किशनी/मैनपुरी- नगर पंचायत के दसों वार्डों में चेयरमैन द्वारा तीन दर्जन के करीब सौर ऊर्जा लाइटें लगवाई र्गइं थीं। आरोप है कि उक्त लाइटों में जमकर कमीशन खोरी की गई थी। कोई लाइट आधा घंटे से ज्यादा प्रकाश नहीं दे पा रही थी। इसका कारण उसमें बैट्री के स्थान पर सैलों का लगा होना बताया गया था। सभासदों ने उक्त कार्यवाही को विकास की नहीं बल्कि चेयरमैन और ईओ द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर की गई सरकारी धन की लूट की कहानी बताया था। ईमानदारी से कार्य करने के नाम पर चुनाव में जीत हासिल करने तथा जनता के प्रति विकासोन्मुख रूख अपनाने की शपथ लेने वाले जब भ्रष्टाचार पर उतारू हो जायें तो चर्चा का विषय हो जाना लाजिमी है। यही हाल नगर पंचायत किशनी में हुआ।
यहां करीब पांच माह पूर्व हर वार्ड को प्रकाशित करने के नाम पर सौर ऊर्जा लाइटें लगवाई गई थीं। जब वह लाइटें जली नहीं अथवा कुछ समय जलकर बंद होना शुरू हो गईं तो स्थानीय लोगों ने अपने अपने वार्डों के सभासदों से इसकी शिकायत की। सभासदों ने इस बारे में जब चेयरमैन तथा ईओ से कहा तो उन्होंने उनकी बात को नजर अंदाज कर दिया। इससे नाराज वार्ड संख्या पांच के सभासद आदेश गुप्ता ने मामले को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। हिंदी दैनिक भास्कर ने भ्रष्टाचार से जकडे़ उक्त कृत्य को प्रमुखता से छापा। खबर का असर हुआ और अगले ही दिन नगर पंचायत कर्मियों ने लाइटों को खम्बों से उतारना शुरू कर दिया।
सभासद कृष्ण प्रताप सिंह ने भास्कर को धन्यवाद देते हुये कहा कि 24 वाट के बल्ब वाली लाइट सौर ऊर्जा लाइट थी ही नहीं। वह सैल से जलने वाली लाइटें थी। पांच हजार की लाइट का तीस हजार पेंमेंट एक बडा घोटाला था। पर अब खबर छप जाने के बाद अच्छी किस्म की लाइटें लग जाने की आशा जग गई है। सभासद आदेश गुप्ता ने भी लाइटें उतारने की कार्यवाही को सोशल मीड़िया पर लिखते हुये मीडिया कर्मियों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि लाइटें एक सप्ताह के अन्दर दुबारा न लगवाई गईं तो वह जिलाधिकारी से लिखित शिकायत करेंगे।