अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद सीएम योगी ने किया बड़ा ऐलान, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा हुई रद्द

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में योगी सरकार अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है.17-18 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती कि परीक्षा हुई थी जिसमे करीब 50 लाख युवाओं ने आवेदन किया था और 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। बता दे की इस मामले में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन भर्तियों को 6 महीने के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ आयोजित किया जाए। साथ ही युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। उन्होंने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने के भी निर्देश दिए।

गौरतलब है कि परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार पर हैं और अब तक एसटीएफ 300 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है। बता दें कि कथित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती मामले में भर्ती बोर्ड ने इंटरनल जांच के लिए एक जांच कमेटी की गठन कर दिया गया है. इस कमेटी की जांच ADG अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हो रही है. पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने यह कमेटी बनाई है. रेणुका मिश्रा के मुताबिक कमेटी के जांच के बाद ही दूध का दूध पानी का पानी हो पाएगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से सभी अभ्यर्थियों को बीते शुक्रवार शाम 6:00 बजे तक एविडेंस के साथ पेपर लीक मामले में ईमेल पर शिकायत भेजने के लिए कहा गया था.

आपको बता दे की अभ्यर्थी लगातार री एग्जामिनेशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके मद्देनज़र सीएम योगी ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस में सिपाही के 60244 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। यह फैसला उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करने के बाद किया गया है।

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