
कोविड-19 वैक्सीन (covid-19 vaccine) बनाने के लिए पूरी दुनिया में रिसर्च प्रोग्राम और सप्लाई चेन्स सेटअप किए गए हैं। भारत समेत कम से कम सात देशों में वैक्सीन कैंडिडेट्स का ह्यूमन ट्रायल पूरा किया जा रहा है। वैक्सीन बनाने को लेकर जो रेस चल रही है, उसमें फिलहाल ब्रिटेन, चीन, अमेरिका और रूस सबसे आगे हैं। इन देशों में अलग-अलग वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल ऐडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है। विकसित देशों ने कई बड़ी फार्मा कंपनीज से बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने के लिए सौदेबाजी भी शुरू कर रखी है। इसकी वजह से बाकी देशों में वैक्सीन उपलब्ध हो पाएगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बन गई है।
AIIMS दिल्ली को मिला अप्रूवल, जल्द होगा ट्रायल
भारत में तैयार हुई पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में ह्यूमन ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है। एथिक्स कमिटी से संस्थान को अप्रूवल मिल गया है। AIIMS में फेज 1 ट्रायल के लिए कुल 100 पार्टिसिपेंट्स एनरोल किए जाएंगे। वैक्सीन के पहले ट्रायल में 375 लोगों को डोज दी जाएगी। अभी तक इस वैक्सीन का एम्स पटना और रोहतक पीजीआई में ही ट्रायल शुरू हो सका है।
कैसे होगा Covaxin का पहला ट्रायल?
18 से 55 साल की उम्र के हेल्दी लोगों पर टेस्ट होगा। अगर ट्रायल में हिस्सा लेना चाहते हैं तो एम्स ने डेडिकेटेड ईमेल आईडी और फोन नंबर दिया है। वॉट्सऐप कॉल के जरिए भी वॉलंटिअर बनने का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। अभी तक दिल्ली एम्स को वैक्सीन का स्टॉक नहीं मिला है। वैक्सीन की दो डोज- पहली पहले दिन और दूसरी 14वें दिन दी जाएगी। ट्रायल में ‘डबल ब्लाइन्ड’ तकनीक का भी इस्तेमाल होगा जिसमें न तो वॉलंटिअर, न ही रिसर्चर्स को पता रहेगा कि किसे वैक्सीन दी जा रही है और किसे प्लेसीबो।
सितंबर तक वैक्सीन लॉन्च करने की तैयारी में रूस
हैकिंग के आरोपों के बीच रूस ने वैक्सीन डेवलपमेंट का काम तेज कर दिया है। उसका टारगेट सितंबर तक वैक्सीन लॉन्च कर देने का है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वैक्सीन बनाने को प्राथमिकता दी है। AstraZeneca Plc के साथ रूस पहले ही वैक्सीन प्रोड्यूस करने की डील पर बात कर रहा है। रूस में कुल 26 तरह की वैक्सीन पर काम चल रहा है।
चीन की एक और वैक्सीन फेज 3 में
चीनी कंपनी साइनोफार्म की वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल शुरू हो गया है। UAE के अबू धाबी में 15,000 रजिस्टर्ड वॉलंटिअर्स को कोविड-19 की इनऐक्टिवेटेड वैक्सीन की पहली डोज दी गई। कंपनी का दावा है कि 28 दिन के अंदर दो बार इस वैक्सीन की डोज देने पर 100 फीसदी लोगों में ऐंटीबॉडीज डेवलप हुए।