दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा साबित हो रहा है वायु प्रदूषण डॉ हनीश गुप्ता


सेंट स्टीफ़न्स हॉस्पिटल के स्पेशलिस्ट फिजिशियन ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा

भास्कर समाचार सेवा
मुकेश उपाध्याय
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति विकराल होती जा रही है। इसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों का बोझ भी बढ़ रहा है। दरअसल, प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों पर असर कर रहा है, बल्कि अन्य तरह की बीमारियां भी बांट रहा है। इनमें अस्थमा, दमा के अलावा आंखों और चमड़ी (स्किन) में एलर्जी शामिल हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण के दूरगामी परिणाम कैंसर, मानसिक रोग और बांझपन के रूप में भी सामने आ सकते हैं। उनका कहना है कि बच्चों-बुजुर्गो के साथ फेफड़ों की समस्या से ग्रस्त लोगों को भी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इसका सबसे ज्यादा असर जिनको पूर्व में कोरोना हो चुका है उन पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्हें सावधानी बहुत जरूरत है। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार है। हाल यही रहा तो जल्द ही राजधानी में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन सकते हैं। हवा में पाए जाने वाले जहरीले कण सांस के जरिये इंसान के अंदर प्रवेश करते हैं और फिर यही जहरीले कण श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। आइये हम यहां पर बता रहे कि वायु प्रदूषण के 7 दुष्परिणाम, जिससे यह यह जानलेवा साबित हो सकता है।

प्रदूषित कणों से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है भारी नुक्सान

सेंट स्टीफ़न्स हॉस्पिटल के स्पेशलिस्ट फिजिशियन डॉ हनीश गुप्ता ने दैनिक भास्कर को विशेष बातचीत में बताया कि वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर होता है। दरअसल, प्रदूषित कणों से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है और इसका असर फेफड़े और इसके आस-पास की मांसपेशियों पर पड़ता है। वायु प्रदूषण से स्वस्थ व्यक्तियों में भी अस्थमा जैसी बीमारियां घर कर सकती है। इसके अलावा निमोनिया, दमा और लंग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी वायु प्रदूषण से होती है।
डॉ गुप्ता ने बताया वायु प्रदूषण के कारण नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी घर कर सकती है, जिसका सीधा संबंध किडनी से होता। इसके अलावा, प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले कार्बन से किडनी डैमेज का भी खतरा बन जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों के लिए सबसे जरूरी ऑर्गन हार्ट होता है और वायु प्रदूषण फेफड़ों और किडनी के अलावा दिल पर भी वार करता है। वायु प्रदूषण से दिल की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण में इजाफा के चलते धड़कनों का असंतुलित होना, हार्ट फेल होना और हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।

वायू प्रदूषण से महिलाओं में प्री-मेच्योर डिलीवरी का बड़ा खतरा डॉ हनीश गुप्ता ने बताया दूषित हवा और प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को भी अपने निशाने पर लेता है। जहरीली सांस लेने का असर गर्भ पर भी होता है। इससे प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा बन जाता है। इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है, जिससे कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है। उन्होंने बताया त्वचा में रूखापन और जलन, रेडनेस और एक्ज़िमा जैसी तकलीफें आपको हो रही हैं तो समझ जाए कि वायु प्रदूषण आपकी त्वचा पर वार कर रहा है। प्रदूषित हवा में मौजूद कणों की वजह से त्वचा काफी प्रभावित हो सकती है। सभी से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।
प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के स्कूलों की हो छुट्टी, ऑनलाइन क्लासेज से हो पढ़ाई – आदेश गुप्ता
दिल्ली में भारी प्रदूषण को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने स्कूलों की छुट्टी कर ऑनलाइन क्लासेज करने के लिए कहा है। “दिल्ली में भारी प्रदूषण के विषय में हम सभी चिंतित है, दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और दिल्ली के लोग भारी संख्या में बीमार हो रहे हैं। दिल्ली का प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी में पहुंच रहा है। पंजाब में जल रही पराली के कारण दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो रही है। प्रदूषण के अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने का सबसे ज्य़ादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। डब्लयू.एच.ओ. की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में हर सातवां व्यक्ति सांस की बीमारी से परेशान है। उन्होंने स्कूलों की छुट्टी के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक पत्र लिखा है।