अलर्ट ! बिहार जा रहे हर चौथा शख्स कोरोना (+), 4 दिन में सामने आये चौका देने वाले आकड़े

पटना : हमारे समाज में कहा जाता है कि अपने तो अपने होते हैं। यानी जीवन में जब कभी मुश्किल दौर आता है तो इंसान अपनों से उम्मीदें लगाता है, या वह अपनी जमीन की तरफ मुड़ता है। अच्छी बात यह है कि हमारे भारतीय समाज में मुश्किल वक्त में अपनों को सहारा देना आदर्श माना जाता है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी यही हो रहा है। वायरस और लॉकडाउन की वजह से महानगरों में खाने के लाले होने पर लोग मजदूर वर्ग और छोटी-मोटी नौकरीपेशा लोग जिंदगी की तलाश में अपने गांव की तरफ जा रहे हैं। कोरोना वायरस काल में लोगों का अपने गांव जाना ही घातक साबित हो रहा है। बिहार जैसे राज्य में इसका प्रतिकूल असर दिख रहा है। 

कोरोना की जांच कर बिहार भेजे जाएं प्रवासी
बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। अब कहा जा रहा है कि आने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजे जाने के पहले ही उनकी जांच हो जाती और उनका इलाज हो जाता, तो शायद कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता था।

4 दिनों में बिहार में 400 पॉजिटिव केस
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से जारी आंकडों पर गौर करें तो अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों से आए प्रवासी मजदूरों में से 8337 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें 651 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसका अनुपात देखें तो बिहार पहुंचने वाला करीब हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है।

दिल्ली से बिहार जाने वालों में कोरोना
उन्होंने बताया कि इनमें सबसे अधिक दिल्ली से आए मजदूर हैं। दिल्ली से आए लोगों में से 1362 लोगों के नमूने लिए गए, जिसमें से 835 लोगों के नमूनों की जांच की गई। इसमें 218 लोग पॉजिटिव पाए गए, जो 26 प्रतिशत है। ऐसी ही स्थिति पश्चिम बंगाल से आने वाले मजदूरों की भी है। विभाग द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से आने वाले 12 प्रतिशत प्रवासी मजदूर पॉजिटिव पाए गए, जबकि महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों में 11 प्रतिशत मजदूर पॉजिटिव पाए गए।

हरियाणा से भी काफी संक्रमित बिहार पहुंचे
इसके अलावा हरियाणा से लौटने वाले मजदूरों में से नौ प्रतिशत लोग पॉजिटिव पाए गए। इधर, अभी बिहार में मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। परिवहन नोडल पदाधिकारी और परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया, ‘अगले 8 दिनों के लिए अग्रिम योजना बनायी गई है यानी 26 मई तक 505 ट्रेनें आएंगी। राज्य के नोडल पदाधिकारी संपर्क में हैं, जो लोगों को बिहार लाने के लिए विभिन्न राज्यों से संपर्क बनाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों से लोग आ रहे हैं। साथ ही दक्षिण भारत से भी लोग आ रहे हैं।’

8 लाख प्रवासी बिहार पहुंच सकते हैं
अब तक लगभग साढ़े चार लाख प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो चुकी है। लेकिन उनमें से मात्र 8337 के नमूमों की जांच में 651 पॉजिटिव पाए गये हैं। टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने के साथ संक्रमित मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा। 18 राज्यों से ट्रेनों के कार्यक्रम बनाए गए हैं इससे 8 लाख अतिरिक्त लोग आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों को स्टेशन पर से ही बसों के माध्यम से विभिन्न जिलों के मुख्यालयों तक भेजा जा रहा है, जहां से उन्हें प्रखंड क्वारेंटीन सेंटर पर भेजा जा रहा है। इसके लिये 4500 बसों को लगाया गया है।

क्वारंटीन सेंटर में रखे जाएं प्रवासी, तभी रुकेगा कोरोना
इधर, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विमल कारक ने बताया कि प्रवासी सीधे गांव पहुंच जाते तो संक्रमण कितना फैलता, इसका अंदाज लगाना मुश्किल था। संक्रमण रोकने में क्वारंटीन सेंटर काफी कारगर साबित हो रहा है। वे कहते हैं, ‘गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं। गांव में उनके घर में प्रवेश करने से पहले क्वारंटीन सेंटर में समय गुजारने से उनके परिवार और समाज के लोगों में संक्रमण का भय लगभग खत्म हो जाता है।’

उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1442 तक पहुंच गई है। 18 मई को जहां राज्य में 116 पॉजिटिव मिले थे, वहीं 17 मई को 148 और 16 मई को 99 लोग पॉजिटिव पाए गए थे।

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