नगर पंचायत थिंक टैंक पर लगा सवालिया निशान
आखिर किसकी सह पर नगर पंचायत में इतना बड़ा स्कैम हो रहा था
आरिफ़ कुरैशी की रिपोर्ट
लावड़। मेरठ जनपद स्थित लावड़ नगर पंचायत में सात ऐसे फ्रॉड को पकड़ा गया है जो घर बैठे वेतन ले रहे थे| गोया इन सातों लोगों के सिंडिकेट का लावड़ नगर पंचायत से कोई लेना देना ही नहीं है| खास बात यह है कि लावड़ नगर पंचायत की चेयरपर्सन हज्जन आफताब ने जब कार्यरत कर्मचारियों का क्रॉस भौतिक सत्यापन किया तो यह स्कैम उजागर हुआ | कुछ सभासदों की शिकायत पर चेयरपर्सन ने यह कदम उठाया | सैलरी विद आउट वर्क के इस खेला से नगर पंचायत लावड़ में खलबली मच गई है| इस घोटाले से नगर पंचायत प्रशासन थिंक टैंक की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगना लाज़मी है| पड़ताल के बाद यह साफ हो गया है कि पकड़े गए सातों फर्जी कर्मचारियों का लावड़ नगर पंचायत कभी कोई लेना देना नहीं रहा है और उन्हें काम करते देखा भी नहीं गया| फिर भी हर महीने फोकट में वेतन ले रहे थे| मजे की बात यह है कि नगर पंचायत लावड़ के अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार इस पूरे प्रकरण पर बैकफुट पर है,यह कहकर पल्ला झाड़ रहे है कि मामले की जांच कराएंगे|
बकौल चेयर पर्सन हज्जन आफताब, कुछ दिनों से कस्बे की जनता व कुछ सभासद उनसे से शिकायत कर रहे थे की कुछ कर्मचारी काम पर नहीं आते और ड्यूटी के समय वो वहा उपस्थित भी नही रहते थे। इसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने एक लैटर जारी करते हुए अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार शर्मा को कर्मचारियों का सत्यापन करने के लिए बृहस्पतिवार को नगर पंचायत कार्यालय में मीटिंग बुलाई।सत्यापन के दौरान सभी कर्मचारियों से एक एक फोटो व आधार कार्ड की कॉपी ली गई।इस दौरान सात कर्मचारी ऐसे पाए गए जिनका नगर पंचायत से कोई लेना देना नहीं था, जोकि नगर पंचायत कार्यालय में कभी उपस्थित ही नहीं हुए । फिर भी लगातार नगर पंचायत से उनको वेतन मिल रहा था| अब सवाल ये उठता है की जो सात लोग कभी काम पर नहीं आए उन्हे हर महीने के हिसाब से वेतन कोन डलवा रहा था, ये भी एक सवाल है। आखिर किसकी सह पर नगर पंचायत में इतना बड़ा घोटाला हो रहा था। चेयर पर्सन हज्जन आफताब ने उनमें से सत्यापन के दौरान एक कर्मचारी से जब पूछ ताछ की तो वह कार्यालय में अपनी आईडी की कॉपी छोड़कर फरार हो गया।
चेयर पर्सन हज्जन आफताब उवाच
चेयर पर्सन हज्जन आफताब ने बताया कि मेरे पूरे कार्यकाल में अभी तक ये कर्मचारी नगर पंचायत कार्यालय नही आए और ना ही मैंने कभी इन्हे देखा है।और लगातार इनका वेतन भी दिया जा रहा था उनको सैलरी किसके द्वारा और कैसे दी जा रही है इसकी जांच कराई जाएगी |इस बारे में डीएम ,एडीएम प्रशासन को भी अवगत कराकर कड़ी कार्यवाही कराई जाएगी।
अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार बोले
अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है चेयर पर्सन द्वारा अभी उन सात कर्मचारियों के नाम उजागर नही किए गए हैं अगर नाम सामने आते है तो उनके खिलाफ जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।