गुस्साए अधिवक्ताओं ने अदालत परिसर में काटा जमकर हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला

बबेरू के पड़री में पुलिस से मारपीट के मामले में आक्रोशित थे वकील व ग्रामीण

रिमांड याचिका खारिज कर जमानत देने की मांग को लेकर खफा थे अधिवक्ता

अधिवक्ता संघ अध्यक्ष व महासचिव ने किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान

भास्कर न्यूज

बांदा। अधिवक्ता के घर नोटिस तामील करने गई पुलिस टीम के साथ हुई मारपीट के बाद शनिवार को जब थाना पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को लेकर अदालत पहुंची तो यहां पहले से ही अधिवक्ताओं का जमावड़ा लगा था। आरोपियों के साथ तमाम ग्रामीण अदालत पहुंच गए। आरोपियों के पक्ष में जिला अधिवक्ता संघ ने मोर्चा खोल दिया। अधिवक्ताओं की मांग थी कि आराेपियों को पुलिस रिमांड न देकर उन्हें जमानत दी जाए। इसी बात को लेकर वकीलों ने अदालत परिसर में जमकर हंगामा काटा।

बता दें कि शुक्रवार को सिमौनी पुलिस चौकी से दो सिपाही सुखवीर व बृजेश क्षेत्र के पड़री गांव निवासी अधिवक्ता केशव प्रसाद यादव के घर बलवा आदि धाराओं के संबंध में नोटिस तामील कराने पहुंचे तो घर के लोगों ने नोटिस मिलते ही सिपाहियों पर पथराव शुरू कर दिया और उन्हें वहां से खदेड़ दिया। पथराव की घटना की जानकारी मिलते ही गांव में ही मौजूद दो अन्य सिपाही प्रवेश और सलमान भी मौके पर पहुंच गए। इसी बीच आरोपी पक्ष ने लाठी डंडे िनकाल लिए और चारों सिपाहियों की जमकर धुनाई कर दी। घटना के बाद िसपाहियों ने ग्राम प्रधान के घर में घुस कर किसी तरह से अपनी जान बचाई। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि मामले को लेकर 14 नामजद समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया कि मामले के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की गई हैं। उधर अधिवक्ता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस के दो सिपाही सादी वर्दी में उनके घर पहुंचे और महिलाओं व बच्चों के साथ अभद्रता शुरू कर दी। जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर उनके घर में मौजूद परिजनों के साथ जमकर मारपीट की। मारपीट में अपने परिजनों के भी घायल होने की बात कही है। कहा है कि मारपीट के साथ ही पुलिस कर्मियों ने घर में मौजूद बीमार, गर्भवती महिलाआंे व बच्चों के साथ जमकर अभद्रता की और मारा पीटा। पुलिस ने घर से महिलाओं को घसीट लिया और गिरफ्तारी दिखा कर थाने ले गए। वहीं शनिवार की दोपहर जब पुलिस फोर्स आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए ले गई, तब न्यायालय में वकीलों का जमावड़ा लग गया और वकीलों ने जमकर हंगामा काटा। जानकारी मिलते ही सीओ सिटी आरके सिंह और शहर कोतवाल राजेंद्र सिंह रजावत की अगुवाई मंे भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। इस दौरान कई बार पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच तीखी नोकझोक भी हुई। बाद में वकीलों की मांग पर न्यायालय ने आरोपियों का चिकित्सीय परीक्षण कराने का आदेश दिया है।

अब तक चार महिलाओं समेत आठ गिरफ्तार

बबेरू थाना क्षेत्र के पड़री गांव में पुलिस व ग्रामीणों के बीच हुए संघर्ष के मामले में अब तक चार महिलाओं समेत आठ लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबकि अधिवक्ता केशव प्रसाद यादव, धनेश प्रसाद, देवप्रसाद, सुनील कुमार, अधिवक्ता की पत्नी सावित्री, बहू पूजा व पुत्री प्रभा यादव, शिखा को गिरफ्तार करके अदालत के समक्ष पेश किया गया है। अदालत ने वकीलों की मांग पर आरोपियों काे चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेजा है। वहीं पुलिस अधीक्षक का कहना है कि शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित कर दी गई हैं। आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

साथी के बचाव में उतरा अधिवक्ता संघ

साथी अधिवक्ता व उसके परिजनों के साथ मारपीट और गिरफ्तारी को लेकर जिला अधिवक्ता संघ ने विरोध करना शुरू कर दिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ब्रजमोहन सिंह गौर व महासचिव राकेश सिंह ने अधिवक्ताओं के साथ पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कोर्ट परिसर में जमकर हंगामा काटा। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व महासचिव का कहना है कि पुलिस ने जिस तरह से उनके अधिवक्ता साथी के परिजनों के साथ अभद्रता और मारपीट की है और घर में मौजूद गर्भवती महिलाओं के साथ ही छोटे-छोटे बच्चों के साथ जमकर मारपीट की है, उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिवक्ता संघ ने मामले को लेकर आगामी रणनीति बनाने और आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। अधिवक्ताओं ने मामले में ग्राम प्रधान व सिमौनी चौकी प्रभारी की मिलीभगत को घटना का कारण बताया है।

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