
कुख्यात के खिलाफ 18 से अधिक हत्या सहित, रंगदारी , हत्या की कोशिश, अपहरण समेत 65 से अधिक मुकदमें दर्ज थे
लखनउ। ढेर दर्जन हत्याएं करने के बाद प्रदेश के अपराध जगत की सनसनी बने अमित दुजाना को आज यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। ये वो अपराधी है। जिसपर एक लाख रूपए का इनाम था। जिसके नाम से व्यापारी कापते थें, इस पर 65 से ज्यादा मुकदमें इस पर दर्ज थे। और यहां वो मामले थे, जिन्हे दर्ज कराने की लोंगो ने हिम्मत दिखाई वहीं सैकड़ो अपराध ऐसे है जिनकी रिर्पोट दर्ज कराने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई जिसमें अपहरण लूट,डकैती रंगदारी समेत कई मामले थे। यूपी एसटीएफ को खबर मिली की कुख्यात मेरठ के जानी के भोला की झाल पर वाईट स्कारपियों में मौजूद है।और बड़ी घटना को अंन्जाम देने के लिए पहुंचा है। जिसके बाद टीम ने इलाके की घेराबंदी शुरू की तभी वाईट स्कोपियों सामने से आती नजर आई जिसें टीम ने रोकने की कोशिश की तो कुख्यात ने फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद आमने सामने की मुठभेड़ में गोली दुजाना को लगी जिसे अस्पताल भेजा गया जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुख्यात अनिल दुजाना गौतमबुद्धनगर जनपद के दुजाना गांव का रहने वाला था। जिस के ऊपर साल 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में पहला मुकदमा हरबीर पहलवान की हत्या का दर्ज हुआ। जिसके बाद उसने फिर कभी पीछे पलट कर नही देखा और गैंगस्टर सुंदर भाटी जो सोनभद्र जेल में अजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
उसके साथ जुड़ गया और अवैध सरिया के कारोबार से कमाई का हिस्सा भाटी को देने लगा मगर धीरे-धीरे उसने अपना अलग गैंग तैयार किया जिससें उसकी भाटी से अदावत होने लगी और एक शादी समारोह में उसने भाटी के उपर एके-47 से गोलियों की बौछार कर दी जिसमें भाटी तो बच गया लेकिन तीन लोग मारे गए। अनिल दुजाना पर 18 से अधिक हत्या सहित रंगदारी, हत्या की कोशिश, अपहरण समेत उसपर करीब 65 मामले दर्ज थे। साल 2004 को सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या कर दी। जिसके बाद नरेश गैंग की कमान उसके छोटे भाई रणपाल भाटी ने संभाली और बदला लेने के लिए सुंदर भाटी के भतीजे लाल फौजी की2005 में हत्या कर दी। साल 2006 जनपदत फिरोजाबाद में पुलिस मुठभेड़ में रणपाल भाटी मार गिराया गया। जिसके बाद गैंग की कमान रणदीप भाटी और कुख्यात अमित कसाना ने संभाली जिसमें अनिल दुजाना शामिल हो गया और सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गैंग के बीच अदावत की कहानी शुरू हुई। जिसके बाद व्यापारीयों सें रंगदारी लूट हत्या डकैती जैसे अपराध कर पश्चिमी यूपी में सनसनी फैला दी । जिसे यूपी एसटीएफ टीम ने आमने-सामने की मुठभेड़ में मौत की नींद सुला दिया। कुख्यात की गाड़ी स्कार्पियों डीएल-8सी-डीसी-4498 से 35 जिन्दा कारतूस30 बोर 10 कारतूस 315बोर,एक फैक्टीमेड पिस्टल32बोर, तमंचा315बोर गाड़ी से बरामद किया वहीं कुख्यात के पास से फैक्टीमेंड पिस्टल32बोर जिन्दा कारतूस32बोर,10 खोखा,23 जिन्दा कारतूस32बोर मिले। कुख्यात अनिल दुजाना जेल में रहते हुए रंगदारी और हत्या जैसे अपराधों को चला रहा था।
कुख्यात अनिल दुजाना का अपराधिक इतिहास
अनिल दुजाना ने साल 2002 को हरवीर पहलवान की हत्या की जिसके बाद पीछे कभी पलट कर नही देखा 2007 में विक्रम सिंह की दादरी में हत्या की 2011 में विजय सिंह की हत्या की 2011 ही में आनन्द उर्फ नन्दू की हत्या इसी गैंग के लोंगो ने गौतमबुद्धनगर में जय चन्द की हत्या की जिसके बाद 2011 में ही एक शादी समारोह में अपने गैग के लोंगो के साथ कुख्यात सुंदर भाटी पर एके-47 से गोलियों की बौछार कर दी जिसमें भाटी तो बच निकला मगर उसके तीन साथी मारे गए 2012 में सोनू उर्फ हरीश की ग्राम बदलापुर में हत्या की दुजाना गैंग ने संजीव त्यागी की मुज्फरनगर में हत्या की कस्बा दादरी के रहने वाले अशोक की हत्या की। अनिल दुजाना गैंग के साथी बलराम ठाकुर जो बुलन्दशहर का रहने वाला है। जिसने बुलंदशहर के कई कुख्यात अपराधियों को गैंग में शामिल कर गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, एव मुज्फरनगर जनपद में हत्या रंगदारी डकैती जैसे अपराध को अन्जाम दिया। दुजाना गैंग ने साल2013 में साथियों के साथ मिलकर बुलंदशहर के कस्बा छपार में खाद व्यापारी राजीव त्यागी को गोलियों से भुजकर मौत की नींद सुला दिया था। दुजाना ने जेल में रहते हुए सुंदर भाटी गैंग के सदस्य देवेन्द्र जो गौतमबुद्धनगर में भाटी के लिए व्यावारियों से वसूली का काम करता था। जिसें 18-10-2014 को गोलियों से छलनी कर दिया। 2015 को दुजाना ने जेल से नरेन्द्र शर्मा मर्डर की गवाही देने जा रहे कुलदीप शर्मा और उसके गनर की हत्या उसके घर के पास शूटरों से करा दी। 2014 पेशी पर जा रहे रोबिन त्यागी के उपर एके-47 से गोलियों की बौछार करा दी जिसमें रोबिन तो बच गया मगर पुलिसकर्मीयों की गोली लगने से मौत हो गई।2014 में दुजाना ने मुखबिरी के शक में हैदर की जनपद सहारनपुर में हत्या करवा दी ।