अयोध्या। अयोध्या के बेसिक शिक्षा विभाग में आयोजित वार्षिक मात्र एक मज़ाक/खिलवाड़ बन कर रह गयी है।जहां प्रदेश के अन्य जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग की वार्षिक परीक्षा शासन द्वारा निर्धारित अपने तय समय 20 मार्च से प्रारंभ हो चुकी है।तो वहीं दूसरी ओर जनपद-अयोध्या में बेसिक शिक्षा विभाग की वार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम दो बार संशोधित होने के बाद भी अभी तक परीक्षाएं प्रारंभ नहीं हो सकी हैं।पहले वार्षिक परीक्षाएं 20 मार्च से प्रारंभ होनी थीं,जिसे संशोधित कर 22 मार्च किया गया था। फिर पुनः कार्यक्रम संशोधित कर 23 मार्च से परीक्षायें प्रारंभ होने का कार्यक्रम बताया गया।अब हालात यह हैं कि जब कल सुबह प्रातः 9:30 से परीक्षायें प्रारंभ होनी हैं।
जनपद के एक दो विकासखण्ड को छोड़ कर लगभग सभी विकास खण्डों में परीक्षा प्रारंभ होने के 24 घंटे पूर्व भी आज शायं तक खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों तक न तो परीक्षा प्रश्नपत्र पहुंच पाये हैं,न ही परीक्षा केंद्र प्रभारियों को प्राप्त ही कराये गये हैं।ऐसी स्थिति में विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व परीक्षा केंद्र प्रभारियों में उहापोह की स्थिति कायम है।कुछ विकासखण्ड में तो प्रधानाध्यापक/परीक्षा प्रभारियों को कल ही प्रातः 8 बजे प्रश्नपत्र प्राप्त करने हेतु खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों पर बुलाया गया है।अब ऐसी स्थिति में प्रश्न यह उठता है कि ऐसी भारी अव्यवस्था के बीच जनपद में बेसिक स्कूलों की वार्षिक परीक्षाएं समय सारिणी के अनुसार ससमय कैसे प्रारंभ हो पायेंगी?
इस प्रकार की भारी अव्यवस्था का मुख्य जिम्मेदार कौन है?
उक्त प्रकरण पर यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन, यूटा मण्डल-अयोध्या के मण्डल अध्यक्ष,बलबीर सिंह नाराजगी व्यक्त करते हुए जनपद के बेसिक स्कूलों में आयोजित वार्षिक परीक्षा में व्याप्त भारी अव्यवस्था व अफरातफरी का जिम्मेदार जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मियों की लापरवाह व अकर्मण्यता पूर्ण कार्यशैली को ही जिम्मेदार ठहराते हैं।वह प्रश्न उठाते हैं कि उक्त परीक्षाएं पूर्व से ही निर्धारित थीं,परीक्षा आयोजन हेतु शासन स्तर से आवंटित धनराशि भी जनपद कार्यालय को प्रेषित कर दी गयी थीं।तैयारी हेतु पर्याप्त समय भी मिला था।फिर इस प्रकार की अव्यवस्था क्यूं?
आज सुबह 8 से 8.30 के बीच खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों से आनन-फानन में अफरातफरी के बीच ही वितरित किए गये हैं।परीक्षा विलंब से प्रारंभ हो पायी है। क्यूंकि कि कई विद्यालय खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 10 से 15 किमी की दूरी पर स्थित हैं