जिला अस्पताल समेत नौ स्वास्थ्य केंद्रों पर जच्चा-बच्चा की देखभाल का इंतजाम

डा. रेखा शर्मा, सीएमओ

स्तनपान के लिए मां और शिशु के स्पर्श की महत्ता भी बताएंगी स्टाफ नर्स

दैनिक भास्कर/नवीन गौतम
हापुड़। जनपद में जिला अस्पताल समेत नौ स्वास्थ्य केंद्रों पर जच्चा – बच्चा की देखभाल का इंतजाम किया गया है। इन केंद्रों पर जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए विशेष यूनिट तैयार की गई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा ने बताया मदर एंड न्येबोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) में मां और नवजात एक साथ रहेंगे और दोनों को जरूरी चिकित्सकीय सुविधा भी मिलेगी। सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत शुरू की गई नई व्यवस्था से जहां ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्तनपान कराने के सही तरीके और मां व नवजात के बीच स्पर्श की महत्ता भी बताई जाएगी। इसके लिए स्टाफ नर्सों को अलग से प्रशिक्षण दिया गया है।
एसीएमओ (आरसीएच) डा. प्रवीण शर्मा ने बताया – जिला चिकित्सालय के अलावा गढ़, सिंभावली, सिखेड़ा, हापुड़ सपनावत, पिलखुवा और धौलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं पीपीसी हापुड़ पर एमएनसीयू बनाई गई हैं। जनपद में यह सुविधा अभी तक केवल जिला महिला चिकित्सालय में ही उपलब्ध थी। नौ स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध होने से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को भी अपने घर के पास ही चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होगी। इससे सुरक्षित मातृत्व अभियान को तो बल मिलेगा ही, नवजात को समय से स्तनपान और सही तरीके से स्तनपान के लिए व्यवहार परिवर्तन में मदद मिलेगी।
एसीएमओ डा. शर्मा ने बताया एमएनसीयू में तैनात स्टाफ नर्सों को सीईएल की ओर से एमएनसीयू और कंगारू मदर केयर (केएमसी) का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के दौरान नर्सों को बताया गया है कि स्तनपान कराते समय प्रसूता अपने शिशु को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए अच्छे से अपने शरीर से स्पर्श कराए। साथ ही स्तन की सफाई के तरीके भी प्रशिक्षण में बताए गए हैं ताकि नवजात को मां के स्तन से संक्रमण मिलने की आशंका न रहे। स्टाफ नर्स एमएनसीयू में आने वाली प्रसूताओं को बताएंगी कि नवजात को बार-बार स्तनपान कराने की जरूरत होती है। इसके साथ ही वह इस बात का भी ध्यान रखें कि शिशु को हर बार दोनों स्तनों का पान कराएं। यह मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
सीएमओ डा. रेखा शर्मा ने बताया प्रसव के तुरंत बाद बच्चे का स्तनपान कराना ऐसे माना जाता है जैसे ही तमाम बीमारियों से रक्षा के लिए शिशु को कुदरती टीका दे दिया गया हो। मां का पहला गाढ़ा और पीला दूध बच्चे को प्रसव के एक घंटे के भीतर जरूर पिलाएं। कुछ भ्रांतियों के चलते हम इसमें चूक जाते हैं। 2020-21 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- पांच (एनएफएचएस-5) के मुताबिक जनपद में केवल 38.4 फीसदी नवजात ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कर पाते हैं।

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