औरैया : सावधान, आपकी सेहत न बिगाड़ दें ये लाजवाब गुझिया और मिठाइयां

अजीतमल/औरैया। होली के त्योहार पर घर-घर व्यंजन बनते हैं। जनपद के शहरी व ग्रामीण बाजारों में भी तरह-तरह की गुझिया व मिठाइयां बनने का कार्य त्योहार से पहले शुरू हो जाता है। त्योहारों पर मिलावट खोर भी सक्रिय रहते हैं। ऐसे में खरीदारी करते समय होशियार रहें। आपके साथ कहीं ऐसा न हो कि यह चमकदार स्वादिष्ट गुझिया और मिठाई आपकी सेहत खराब कर दें क्योंकि, इस समय बाजार में होली पर मिलावट खोरों द्वारा मोटी कमाई के लिए आलू, शकरकंदी व सस्ते चावल से भी मिलावटी खोया तैयार किया जा रहा है। इसी खोये से बनने वाली मिठाईयां ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी इलाकों में सस्ते में बेची जाती हैं। ग्रामीणांचल में सस्ती मिठाई खपाने वाले मिलावट खोर जमकर अंधेर गर्दी कर रहे हैं। खोये से बनी बर्फी व अन्य मिठाइयों पर चांदी का बर्क लगाया जाता है।

जबकि मिलावटखोर एल्यूमीनियम का बर्क लगाकर सस्ती मिठाई बेच रहे हैं। होली का मुख्य पकवान गुझिया होता है अधिकतर लोग बाजार से खोया खरीदकर घर में गुझिया बनाते हैं। होली के मौके पर खोये की मांग बढ़ने की वजह से मिलावटी खोया जमकर बेचा जाता है। बाजार में अगर खोवा 200 से 250 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है तो इसका मतलब खोये में मिलावट है। हलवाईयों की माने तो 5 से 6 लीटर असली दूध से करीब एक किलो खोवा मिलता है। इस तरह से अगर 200 से 250 रुपये किलो खोवा आपको बिकता मिले तो समझिये कि दूध मिलावटी हो सकता है।

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