औरैया : झूमती बौर बयां कर रही आम का ठौर, बस प्राकृतिक प्रकोप न हो चैपट खोर

औरैया । औरैया जिले में फलों के राजा आम के पेड़ों पर इस बार बड़े पैमाने पर झूमती बौर देख आम उत्पादन बहुतायत में होने की संभावना से आम बागान मालिकों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं वहीं कोई प्राकृतिक एवं कीट प्रकोप न हुआ तो इस बार आम गरीबों की पहुंच में होने के प्रबल आसार भी अभी से नजर आने लगे हैं। औरैया जिले में खासकर बिधूना व अजीतमल तहसील आम उत्पादन के मामले में जिले में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

वही अधिकांशतः इस जिले में देसी आम का उत्पादन बहुतायत में होता है और देसी आम बागान मालिक अपना उत्पादन कानपुर दिल्ली जैसी मंडियों में भेजते हैं खासकर यह देशी आम अचार के काम आता है साथ ही हिंगहा बेलहा भटहा गोला इलाइचिया बोड़ीं मिठुआ भूरा आदि आमों के पके फलों का स्वाद जिले के लोगों के जेहन से कभी उतरता नहीं है और लोग साल भर इन पके फलों के स्वाद लेने का इंतजार करते हैं। इस देशी आम की बिक्री भी काफी होती है।

फलों के राजा आम के पेड़ों पर इस बार बड़े पैमाने पर झूमती बौर देख कर आम बागान मालिकों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ती दिख रही है। बौर से ही आम की उत्पादकता का अंदाजा लगाया जा सकता है बशर्ते यह बौर सही सलामत बना रहे। इन दिनों आम के पेड़ बौर से लदे नजर आ रहे हैं और माना जा रहा है कि यदि आम के बौर में इस बार भुनगा व कंडवा न लगा और प्राकृतिक प्रकोप जैसे आंधी तूफान के साथ मौसम का अधिक तापमान न बढ़ा तो इस बार आम का उत्पादन जिले में अप्रत्याशित होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसके चलते इस बार आम का स्वाद गरीबों को भी आसानी से मिल सकेगा।

वैज्ञानिकों का भी मानना है कि यदि इस बार प्राकृतिक व कीटों का प्रकोप न हुआ तो फलों का राजा आम इस बार आम खास के साथ गरीबों की पहुंच में भी होगा।

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