अयोध्या। जिला चिकित्सालय अपने कारनामों से चर्चा का विषय बना रहता है, लेकिन लाशों के नाम का फर्जीवाड़ा जिला चिकित्सालय प्रशासन के उदासीनता व लापरवाही की पोल खोलता है, मामला तब प्रकाश में आया जब आकस्मिक चिकित्सा के ओपीडी के डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा द्वारा बिना किसी शव के ही शव का मेमो बनाकर कोतवाली नगर भेजा गया, और मामला मीडिया में आ गया। बताते चलें मामला तब खुला जब मेमो में दर्शाये गये नाम एमटी सुरेश कुमार के बात की गई, मेमो में दर्शाया गया है ।
शव एमटी सुरेश कुमार द्वारा प्रातः 6.30 पर अस्पताल में लाया गया, लेकिन जब एमटी सुरेश से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया, रात्रि में ही एक मरीज उनके द्वारा लखनऊ लाया गया है, उनको लौटने में दोपहर हो जायेगी, मतलब जिस दिन एमटी सुरेश को जिला चिकित्सालय में शव लाने की बात मेमो में बताई गई है उस दिन वह लखनऊ में वाहन संख्या 007 से मरीज लेकर मौजूद थे। अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही का यह कोई पहला मामला प्रकाश में नही आया बल्कि पूर्व में भी इस तरह के फर्जी मामले सामने आ चुके हैं मुख्यमंत्री की अयोध्या में अस्पताल प्रशासन की ऐसी लापरवाही कब सुधरेगी यह तो कोई नही जानता लेकिन मामला तब हो जाता है जब अब शव पर भी फर्जीवाड़ा दिखाई पड़ने लगा।