अयोध्यावासियों ने कहा-भगवान राम पर है पूरा भरोसा, कोरोना से जीतेगा भारत

अयोध्या, । मंदिरों की नगरी अयोध्या में लॉकडाउन का प्रभाव सीधे तौर पर देखने को मिल रहा है। यहां राजा, रजवाड़े, ट्रस्ट, समिति, संस्था, धर्म, संप्रदाय, अखाड़े और विभिन्न जातियों के पंचायती हजारों मंदिर हैं। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए आते थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं से मिलने वाला दान, चढ़ावा बंद सा हो गया है। फिर भी यहां के साधू व संतों के साथ आमजन का भी प्रभु श्रीराम पर पूरा भरोसा है। सबने एक स्वर में कहा कि ‘जेही विधि राखे राम, ओही विधि रहिए। इस जंग का भारत अवश्य जीतेगा। इतिहास में पहली बार लॉकडाउन की वजह से विश्व प्रसिद्ध रामनवमी मेला भी प्रशासन को स्थगित करना पड़ा था जिसमें 20 लाख से अधिक श्रद्धालु राम जन्म की खुशी मनाने के लिए एकत्र होते रहे हैं।

तीर्थ पुरोहित का भी हो रहा है नुकसान
प्रधानमंत्री के आह्वान पर 22 मार्च को पूरे देश में ‘जनता कर्फ्यू’ के बाद से राम नगरी में अघोषित कर्फ्यू ही बना रहा। सरयू स्नान घाट पर बैरिकेडिंग कर पिछले दो माह से किसी भी प्रकार के स्नान और सामूहिक स्नान पर पूर्ण रूप से जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। यहां विभिन्न अवसरों और प्रतिदिन स्नान के बाद दान करने वाले लोगों की संख्या शून्य हो गई है। स्नान के बाद गौ दान पर आश्रित घाट की तीर्थ पुरोहित अपने घरों में ही बंद हैं। उन्हें घाटों पर नहीं आने दिया जा रहा है। सरयू तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय ने रविवार को बताया कि हमारी रोजी-रोटी ही खत्म हो गई है। सरकार को हमें प्रोत्साहन देना चाहिए जिससे हमारी जीविका निरंतर चलती रहे।

अधिकांश मंदिर के कपाट हैं बंद
लॉकडाउन के दौरान रामनवमी मेला के अवसर पर जिला प्रशासन ने संत-महंतों से श्रद्धालुओं के अयोध्या ना आने की अपील की थी जिसके बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या सैकड़ा भी नहीं पार कर पा रही है। हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, नागेश्वरनाथ, छोटी देवकाली, डांडिया मंदिर सहित कई प्रमुख मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए अभी भी बंद हैं। व्यक्तिगत दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिरों में दर्शन के लिए रोकने के निर्देश दे रखे हैं।

राम जन्मभूमि में भी पसरा सन्नाटा
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च को तीन दिवसीय अनुष्ठान के बाद रामलला को उनके अनुज के साथ अस्थाई मंदिर में प्रतिस्थापित किया था। इसके बाद रामलला भगवान टेंट से बुलेट प्रूफ मंदिर में निवास करने लगे। इससे उत्साहित श्रद्धालु राम जन्मभूमि में रामलला का दर्शन करना चाहते हैं लेकिन कोरोना ने आस्थावानों के मार्ग को भी रोक दिया है। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि लॉकडाउन के समय में लोगों को घर से नहीं निकलना चाहिए। भगवान के द्वार सदैव भक्तों के लिए खुले हैं। जब स्थिति महामारी से सामान्य होगी तब श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन करना चाहिए।

मंदिरों में समाज सेवियों ने राशन, सेनिटाइजर और मास्क भी बांटे
कोरोना के कारण पूरे देश में पूर्ण बंदी हो गई, उसी के साथ अयोध्या के मठ मंदिर भी आम जनता के लिए बंद हो गए। धीरे-धीरे छोटे और कम व्यवस्था वाले मंदिरों में राशन पानी की समस्या आने वाली थी। उससे पूर्व जागरूक श्रद्धालु और समाजसेवियों ने मंदिरों में राशन मास्क और सेनिटाइजर का भारी मात्रा में वितरण किया।

किसी भी मंदिर में राजस्व की नहीं है चिंता
राम नगरी के किसी भी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा मिलने वाले दान, चंदा के रूप में मिलने वाले राजस्व की चिंता नहीं है। सभी मंदिरों में रह रहे साधु, संत, विद्यार्थी ईश्वर आराधना में ही अपना सुख देख रहे हैं। कुछ संतों का कहना है कि जब पूर्ण बंदी देश में खत्म होगी तो पुनः मंदिरों की भी स्थिति सामान्य हो जाएगी। राम नगरी के साधु संत और बाशिंदों को सरकार से मदद मिलने या ना मिलने की कोई शिकायत नहीं है। लोगों का कहना है कि अयोध्या के राजा राम जिस हाल स्थिति में हम सभी को रखेंगे, हम सब उसी स्थिति में ही रह पाएंगे। हमें केवल भगवान राम पर ही भरोसा है।

राम नगरी के छोटे दुकानदार हैं चिंतित
धर्मनगरी के साथ मंदिरों की नगरी कही जाने वाली अयोध्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही से ही यहां के छोटे-छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी चलती थी लेकिन अब प्रसाद, माला, फूल से जुड़े व्यवसाय पर काफी प्रभाव पड़ा है जिसे लेकर छोटे दुकानदार काफी चिंतित हैं। अधिकांश दुकानें बंद हैं तो पर अयोध्या में लगभग सन्नाटा ही पसरा रहता है। अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने भरोसा दिया है कि छोटे मंदिरों की अर्थव्यवस्था खराब होने, घाट के पंडे, छोटे-छोटे दुकानदारों की समस्याओं के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को अवगत कराकर सहायता की मांग करेंगे।

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