हिसार: बाबा रामपाल को हत्या के एक और मामले में हिसार की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले 16 अक्टूबर को भी रामपाल को 14 अनुयायियों के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। रामपाल को ये सजा एफआईआर नंबर 430 में सुनाई गई है। FIR 30 में रामपाल और उसके 13 समर्थकों पर नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान आश्रम के भीतर एक महिला की हत्या का आरोप था।
अब सब्जियां उगाएगा रामपाल
सूत्रों के मुताबिक रामपाल ने कैदी नंबर 1008 की मांग की थी, लेकिन उसे 1005 नंबर मिला. जेल प्रशासन ने रामपाल को काम भी सौंप दिया है. बताया जाता है कि उसको जेल के पर्यावरण को सुधारने के लिए फूल-पौधे उगाने और उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके साथ जेल में बंद कैदियों के लिए वह सब्जियां भी उगाएगा.
रामपाल समेत कुल 15 को हुई है उम्रकैद की सजा
हिसार की विशेष अदालत ने मंगलवार को रामपाल सहित कुल 15 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. रामपाल को 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था, बीते 11 अक्टूबर को ही उसे दोषी करार दिया गया था. आजीवन कारावास के अलावा रामपाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
किन मामलों में हुआ सजा का ऐलान?
जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी.
जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गये थे. इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी. 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे. रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किये गये थे.
रामपाल की गिरफ्तारी पर आया था 50 करोड़ का खर्च
रामपाल को गिरफ्तार करने में हरियाणा पुलिस के पसीने छूट गए थे. 18 दिन की लुकाछिपी के बाद पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इस पूरे ऑपरेशन पर राज्य पुलिस का 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ था. इस दौरान 6 लोगों की जान गई थी. 250 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हो गए थे. कई पुलिसवालों को गंभीर चोटें भी आईं थी.