बहराइच l शरीर में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर बुखार होना लाजिमी है । लेकिन सिर्फ बुखार होने का मतलब डेंगू नहीं है। इसलिए बुखार होने पर घबराएँ नहीं बल्कि चिकित्सक की सलाह लें। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह का । उन्होंने बताया अचानक तेज सिरदर्द व बुखार का होना, मांसपेशियो तथा जोड़ो में दर्द होना, आंखो के पीछे दर्द होना जो आंखो को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना या उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ो से खून आना व त्वचा पर चकत्ते उभरना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की सलाह से जांच व इलाज कराएं। डेंगू की जांच व इलाज जनपद के सभी ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों व मेडिकल कालेज में निःशुल्क उपलब्ध है।
सीएमओ ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो मादा एडीज मच्छर के काटने से होती है। ये मच्छर दिन में खासकर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।
उन्होंने बताया कि डेंगू की जांच व इलाज सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है ऐसे में बीमारी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करें। दर्द निवारक औषधियां जैसे एस्प्रिन, कार्टीसोन, ब्रूफेन एवं एंटीबायोटिक आदि का सेवन बिना चिकित्सीय सलाह के कदापि न करें और झाड-फूंक और झोला छाप डॉक्टरों से बचें। सीएमओ ने बताया कि जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर बुखार के समय शुद्ध साफ पानी, नारियल पानी, शिकंजी और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए ।
जिला स्वास्थ्य , शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए पानी की खुली टंकियां ,गमलें के नीचे रखी प्लेट, पशु पक्षी के पीने का पानी, छत पर रखे कबाड़ व पुराने टायर, फ्रिज के नीचे की ट्रे, टूटे बर्तन में जमा थोड़ा पानी भी मच्छरों के अंडों के लिए पर्याप्त होता है। इसके लिए घर और घर के आस-पास ऐसी सभी वस्तुओं को हटा दें या नष्ट कर दें जिनमें पानी जमा है या जमा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जनपद में अभी तक 150 लोगों की जांच की गयी है इनमें से किसी भी व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है।
डेंगू के डंक से बचने के उपाय-
• पूरी बांह वाली कमीज व पैंट पहने
• पैरों में जूते पहने
• मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
• रोशनदान व खिड़कियों में मच्छर रोधी जाली लगाएं
• मच्छर रोधी उपाय अपनाएं
• नालियों में जलभराव न होने दें
• जंगल झड़ियों की नियमित सफाई करें
• पीने के पानी को उबालकर छानकर पियें तथा पानी के बर्तन को ढककर रखें