बहराइच : नदी विस्थापित कृषकों का कृषि निवेश हेतु वित्तीय प्रबंधन अब होगा आसान

बहराइच l पंचशील डेवलपमेंट ट्रस्ट के प्रयासों से घाघरा नदी के तांडव से विस्थापित हुए सैकड़ों परिवारों के आजीविका का मुख्य साधन अब नदी तटवर्ती क्षेत्र में नगदी फसलों का उत्पादन बन चुका है, जिसमें वे परवल, मिर्च, प्याज, अरवी आदि का उत्पादन करते हैं लेकिन खेती करने वाले 100 से अधिक  इन किसानों को अधिक निवेश की जरूरत पड़ती है जिसके लिए वे 10% मासिक ब्याज दर पर पूंजी बाजार से उठाते हैं।

इन किसानों के  मुनाफे का आधे  से अधिक पैसा ब्याज में निकल जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए पंचशील डेवलपमेंट ट्रस्ट के निदेशक श्री ध्रुव कुमार के नेतृत्व में  कृषकों  का कृषि निवेश हेतु वित्तीय प्रबंधन विषयक कार्यशाला का आयोजन जोगापुरवा गाँव में आज किया गया जिससे एक मंच पर जनपद के बैंकिंग सेवा से जुड़े जनपद स्तरीय अधिकारियों का किसानों से सीधा संवाद स्थापित हो सके और इस समस्या का निदान संभव साथ  ही उन्हें बैंकिंग सेवाओं  की सही जानकारी भी प्राप्त हो सके ।

इंडियन बैंक के वित्तीय परामर्शदाता श्री वेद प्रकाश शुक्ला ने सभी उपस्थित महिलाओं एवं पुरुषों को खाता परिचालन के बारे में जानकारी दी और केवाईसी, बीमा योजना, बचत प्रबंधन आदि के बारे में पूरी जानकारी दी। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को बैंक खातों का परिचालन सुचारू ढंग से करना चाहिए। नगदी अपने घरों में न रख करके बैंक में जमा करना ज्यादा आसान होता है और यह  हमारे बचत की प्रवृत्ति को आगे बढ़ाता है। बैंक से जुड़ी सभी योजनाओं के बारे में उन्होंने विस्तृत रूप से जानकारी दी।

बहराइच डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक के सहायक महाप्रबंधक श्री शोभित वशिष्ट जी ने सहकारिता के इस प्रयास की सराहना की और उन्होंने बताया कि लोगों के अपने प्रयासों से विकास का यह माडल अनोखा है जबकि सभी परिवार पूरी तरह से अपना आधार खो चुके थे।

इस अवसर पर उपस्थित नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री कैलाश जोशी ने स्वयं सहायता समूह के महत्व को बताया और यंहा के परिस्थितियों के आधार पर संयुक्त देयता समूह के गठन का सुझाव दिया। इस अवसर पर बहराइच जनपद के बैंकिंग सेवा के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने 25 से अधिक किसानों व महिलाओं  की बैंकिंग सेवा से जुडी समस्याओं को ध्यान से सुना।

खाता परिचालन संबंधी सभी समस्याओं का निदान इंडियन बैंक बौंड़ी  के शाखा प्रबंधक को शीघ्र निस्तारित करने के लिए  निर्देशित किया साथ ही उन्होंने  किसानों को उनके आवश्यकता अनुसार क्रेडिट देने का भी अवसर प्रदान करने का आशवासन दिया  जिससे वे महाजनी कर्ज से मुक्त हो सकें।

कार्यशाला के अन्त में  5 महिला व 7  पुरुष किसानों को  सम्मानित भी किया गया जिन्होंने अपने अथक प्रयास से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बदल दिया है और वे अब मिशल बनकर सामने आये हैं। इस पूरे कार्यशाला के आयोजन में गाँव के लोगों के साथ साथ पंचशील डेवलपमेंट ट्रस्ट के प्रतिनिधि राम तेज यादव, रिंकी कश्यप, रिंकी वर्मा, सुनीता, जगतपाल, रामपाल, कमलेश, रफीक खान, केशरी देवी, रामावती आदि का  विशेष योगदान रहा।

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