बहराइच। महसी क्षेत्र में आधा दर्जन गांवों में पारले चीनी मिल की तरफ से ग्राम बैकुंठा, गोपचंदपुर, नथुवापुर,तिकुरी, बम्हौरी, रमवापुर से 40 गन्ना किसानों का एक भ्रमण दल ग्राम नथुवापुर, बम्हौरी एवं रमवापुर के प्रगतिशील किसानों के यहां पहुंचा। जहां पर इस दल ने प्रगतिशील किसान बबलू श्रीवास्तव, सुबोध त्रिवेदी एवं पंकज शुक्ला से गन्ना की कम से कम 100 कुंतल प्रति बीघा पैदावार लेने के गुण सीखे। बम्हौरी ग्राम के किसान बबलू श्रीवास्तव ने बताया की अच्छी पेड़ी लेने के लिए पौधे गन्ने की कटाई के बाद खेत में आरएमडी से ठूठो एवं पुरानी जड़ो की कटाई करे और पानी लगाकर खाद डाल दे, ऐसा करने से पेड़ी का फुटाव अच्छा होगा और सभी कल्ले एक साथ निकलेंगे।
सौ से डेढ़ सौ कुंतल गन्ना पैदावार के लगाए गए अनुमान
12 kg बीघा यूरिया के साथ साथ 2 बोरी जैविक के साथ 20 kg आर्गेनिक पोटाश अवश्य डालें और पानी लगा दे। श्रीवास्तव जी ने गन्ने पर मिट्टी चढ़ाने को भी जरूरी बताया। उन्होंने बताया की मैंने अपने सभी खेतो में जून के प्रथम सप्ताह में जैविक एवं पोटाश डालकर मिट्टी चढा दी है अब वो 1kg NPK 19:19: 19 एवं 1 लीटर अमिनोज लिक्विड का प्रति एकड़ की दर से स्प्रे कर रहे है। इसके बाद कृषकों का दल सुबोध जी के प्लॉट पर पहुंचा जिन्होंने रिंग पिट से 4 फिट की दूरी पर 0238 प्रजाति के ऊपरी एक तिहाई हिस्से का बीज प्रयोग कर गन्ने की बुवाई 12 फरवरी को की थी जून माह में उनके गन्ने में 5 गन्ने की पोरी बन चुकी है उन्होंने कहा की उनका उत्पादन 150 कुंतल बीघा से कम नहीं होगा ।
गन्ने में 4 फिट की दूरी ,ऊपरी एक तिहाई गन्ने का बीज के रूप में प्रयोग, रासायनिक खादों के अलावा बायो फर्टिलाइजर का उपयोग करने की सलाह देते हुए सुबोध जी ने सभी किसानों से कहा की 100 कुंतल बीघा गन्ना अवश्य उगाए। भ्रमण दल अंतिम चरण में श्री पंकज शुक्ला जी के यहां पहुंचा उन्होंने अपने यहां रिंग पिट से सभी नई प्रजातियां 15023,14201 एवं 13235 लगा रखी है उन्होंने बताया इन प्रजातियों का उत्पादन 0238 जैसा ही है बल्कि 15023 केवल 8 माह में तैयार हो जाती है इसे हम गेहूं काटने के बाद भी लगा सकते है इस प्रजाति का गन्ना वजन में बाकी सारी प्रजातियों से अधिक वजनी होता है। पिछले वर्ष 15023 का 36 पोरी का गन्ना उगाया था जिसका वजन 4 किलो 600 ग्राम था। अंत में सभी किसानों ने पारले चीनी मिल एवं सभी किसानों को आभार व्यक्त किया और कहा की इस यात्रा से उन्हें गन्ने की पैदावार बढ़ाने के जो गुण सिखाए गए है इसे वो अपनाएंगे और 100 कुंतल बीघा गन्ना अवश्य लेंगे l