बहराइच l परिवार पूरा हो चुका है या दो बच्चों में अंतर रखना है। इसके लिए पुरुषों को भी आगे आना चाहिए। आधुनिक परिवार नियोजन के दो साधनों में पुरुष नसबंदी व कंडोम न सिर्फ अनचाहे गर्भ को रोकने में काफी असरदार हैं बल्कि महिलाओं के लिए उपलब्ध परिवार नियोजन के साधनों से अधिक सरल और आसान भी हैं। पुरुषों की पहल से जहां एक ओर प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार आएगा वहीं स्वस्थ परिवार की अवधारणा भी पूरी होगी।
पुरुष नसबंदी पखवाड़े से पूर्व यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने कही। वह मुंडेरवा ठकुराइन पीएचसी में आयोजित पुरुष नसबंदी पखवाड़े को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पुरुषों के लिए उपयुक्त दो परिवार नियोजन के साधन कंडोम व पुरूष नसबंदी अपनाकर न सिर्फ अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि महिलाओं को इस ज़िम्मेदारी से छुटकारा भी दिलाया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने 4 माह पूर्व पुरुष नसबंदी करा चुके मुंडेरवा ठकुराइन निवासी गुरुवचन को अंग वस्त्र से सम्मानित किया ।
साथ ही उन्होंने नसबंदी कराने के बाद किसी प्रकार की समस्या को लेकर गुरुवचन से सवाल भी किया। जिसके जवाब में गुरुवचन ने कहा कि नसबंदी से पहले मेरे मन में भ्रांतियां थीं जैसे कि कहीं मेरी मर्दाना शक्ति कम न हो जाए या फिर मेरे राजगीर मिस्त्री के काम में कोई समस्या न आ जाय। लेकिन आज चार माह नसबन्दी को हो गए हैं , मुझे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। बल्कि मैं अपने परिवार के साथ पहले से ज्यादा स्वस्थ महसूस करता हूँ।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने व परिवार नियोजन साधनों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए 21 नवंबर से 04 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मानाया जाएगा। इस दौरान कंडोम की उपलब्धता के साथ ही विशेष सर्जन की टीम द्वारा पुरुष नसबन्दी की सेवाएं दी जाएंगी। साथ ही नसबन्दी करने वाले पुरुष को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ यूपी टीएसयू ने बताया इस वर्ष पुरुष नसबन्दी पखवाड़ा मनाये जाने के लिए भारत सरकार द्वारा “अब पुरुष निभायेंगे जिम्मेदारी परिवार नियोजन अपनाकर दिखायेंगे अपनी भागीदारी” थीम निर्धारित किया गया है | इसका मुख्य उद्देश्य जन समुदाय को सीमित परिवार के बारे में जागरुक करने के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाना है।
महिला से ज्यादा आसान है पुरुषों के परिवार नियोजन साधन
सीएचसी पयागपुर के अधीक्षक डॉ विकास वर्मा ने बताया कि महिलाओं के लिए उपलब्ध परिवार नियोजन के साधनों में गर्भ निरोधक गोली, इंजेक्शन, कॉपर टी अथवा महिला नसबन्दी उपलब्ध है , जबकि पुरुषों के लिए कंडोम व पुरुष नसबन्दी है। पुरुषों के दोनों साधनों में अधिक झंझट नहीं है और महिलाओं की तुलना में इसका उपयोग करना भी आसान है। उन्होंने बताया महिला की तुलना में पुरुष नसबंदी करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल और सुरक्षित है ।
इस पूरी प्रक्रिया में केवल 10 से 15 मिनट का समय लगता है और इसमें ज्यादा से ज्यादा दो दिन के आराम की जरूरत होती है या उसकी भी जरूरत नहीं होती है । साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के साधन को अपनाने की पहल पुरुषों द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है ।
दो चरणों में मनाया आयेगा पखवाड़ा
बीपीएम अनुपम शुक्ल ने बताया कि पखवाड़े के पहले चरण में 21 से 27 नवम्बर तक आशा और एएनएम द्वारा योग्य दम्पतियों की पहचान कर पंजीकरण किया जायेगा। इस दौरान गर्भ निरोधक साधनों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने एवं पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सार्वजानिक स्थलों और स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रचार-प्रसार सामग्री को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके दूसरे चरण 28 नवम्बर से 04 दिसम्बर तक इच्छुक व्यक्तियों को पुरुष नसबंदी की सेवा विशेषज्ञ सर्जन देंगे।
चिकित्सक धर्म का पालन करने दौड़ गए सीएमओ-
दरअसल रविवार को मुंडेरवा ठकुराइन पीएचसी पर दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था । एक तरफ पुरूष नसबन्दी पखवाड़े का आयोजन था, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया गया था। सीएमओ डॉ सतीश कुमार सिंह पुरुष नसबन्दी पखवाड़े को संबोधित कर रहे थे । इसी बीच एक फालिस अटैक से पीड़ित व्यक्ति को कुछ लोग गोद में उठाकर जन आरोग्य मेले में ले जा रहे थे। सीएमओ ने जैसे ही मरीज को देख वह चिकित्सक का धर्म निभाते हुए कार्यक्रम छोड़ मरीज को देखने चले गए। उन्होंने मरीज की कुछ जरूरी जांच करवाई और दवाएं लिखी। इस बीच उन्होंने एक वृद्ध महिला को भी दवा लिखा जिनके पैर की एक हड्डी टूट गयी थी। सीएमओ की इस दरियादिल की चर्चा वहां के आम लोगों की जुबान पर है।