बहराइच। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में पशु चिकित्सालय शिवपुर एवं मटेरा के पशु चिकित्सकों के दल ने ग्राम पंचायत पकरा देवरिया का भ्रमण कर ग्राम के पशुओं का स्वास्थ्य परिक्षण कर उन्हें लम्पी रोग निरोधक टीके लगाये गये तथा लम्पी रोग के लक्षणयुक्त 03 पशुओं का उपचार किया गया। ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान मीनादेवी ने बताया कि ग्राम में अब तक लम्पी रोग से किसी पशु की मृत्यु नहीं हुई।
ग्राम के भ्रमण के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रसाद ने पशुपालकों को बताया कि लम्पी रोग विषाणुजनित रोग होने के कारण इसका कोई उचित उपचार नही है। कृषकों को सलाह दी जाती है कि लक्षण दिखाई देने पर तत्काल निकट के पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। बुखार को स्थिति में पशु चिकित्सक की सलाह से ज्वर नाशक यथा पैरासीटामोल एवं एन्टीवायोटिक आदि औषधियों का प्रयोग करें। सूजन एवं चर्म रोग की स्थिति में उचित दवाईयों का लेप लगाए, घावों को मक्खियों से बचाने हेतु नीम की पत्ती, मेंहदी पत्ती, लहसुन, हल्दी पावडर को नारियल तेल में लेप बनाकर प्रयोग करें।
कृषकों को सलाह दी गई है कि लक्षणयुक्त पशु के आवागमन को प्रतिबन्धित करें, दूसरे स्वस्थ पशु से अलग रखें, पशुओं को कीटों से बचाव हेतु बाड़े तथा पशुखलिहान को फिनायल/सोडियम हाइपोक्लोराइट इत्यादि का छिड़काव कर उचित कीटाणु शोधन करें। बीमार पशु की देखभाल करने वाले व्यक्ति को स्वस्थ पशुओं के बाड़े से दूर रखें। सर्वप्रथम स्वस्थ पशुओं को चारा व पानी दें, फिर बीमार पशुओं को दें। बीमार पशुओं को प्रबन्धन करने के पश्चात् हाथ साबुन से अवश्य धोयें।
सीवीओ द्वारा पशुपालकों को यह भी सुझाव दिया गया है कि रोग प्रकोप के समय पशुओं को सामूहिक चराई, पशु मेला एवं प्रदर्शनी में न भेजे तथा बीमार एवं स्वस्थ पशु को एक साथ चारा-पानी न कराएं। रोग प्रकोप के समय क्या न करें के सम्बन्ध में सुझाव दिया गया है कि प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लाएं। यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुले में न फेंके बल्कि वैज्ञानिक विधि से दफनायें। रोगी पशु के दूध को भी बछड़े को न पिलाएं।